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उत्तराखंड

चौदह हस्तियां उत्तराखंड रत्न से सम्मानित

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चौदह हस्तियां उत्तराखंड रत्न से सम्मानित, ऑल इंडिया कांफ्रेंस ऑफ इंटेलेक्चुअल्स, पूर्व राज्यपाल ले. जनरल के.एम. सेठ बतौर मुख्य अतिथि

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चौदह हस्तियां उत्तराखंड रत्न से सम्मानित, ऑल इंडिया कांफ्रेंस ऑफ इंटेलेक्चुअल्स, पूर्व राज्यपाल ले. जनरल के.एम. सेठ बतौर मुख्य अतिथि

देहरादून। ऑल इंडिया कांफ्रेंस ऑफ इंटेलेक्चुअल्स ने शिक्षा, सामाजिक कार्य, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 14 लोगों को उत्तराखंड रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया। आईसीएफआरई के सभागार में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल ले. जनरल के.एम. सेठ बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस अवसर पर प्रो. पीके गर्ग, प्रो. ललित मोहन तिवारी, डा. राकेश, डा. उमा शर्मा, ललित मिगलानी दिनेश जैन, लोपजंग थसटॉब, हकीम इशरत हुसैन फारूखी, सुनील कुमार सैनी, मधु बैरी, हेमंत कुमार जोधानी, सुरजीत सिंह खैरा, डा. गुरबीत, अदिति शर्मा और संदीप जैन को विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्तराखंड रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

रविवार को आयोजित उत्तराखंड रत्न समारोह में जलवायु परिवर्तन का पर्यावरण पर प्रभाव और बुद्धिजीवियों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। पूर्व राज्यपाल ले. ज. के.एम. सेठ (रिटायर्ड) ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हमें विकास के नए व स्थाई मॉडल तलाशने की जरूरत है। इंसान को खुद के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए प्रकृति का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के सदस्य राजेश टंडन ने कहा कि एक जागरूक व्यक्ति और समाज ही सही फैसला लेकर इस वैश्विक संकट से लड़ने में मदद कर सकता है। उत्तराखंड का उदाहरण देते उन्होंने बताया कि किस तरह पर्यावरणीय मसलों पर एक व्यक्ति की पहल बड़े बदलाव की सूत्रधार बन गई। उन्होंने रिन्युएबल एनर्जी के महत्व पर भी प्रकाश डाला। आईसीएफआरई के महानिदेशक डा. अश्वनी कुमार ने कहा कि जीवाश्म ईंधन को जलाने और पेड़ पौधों को काटने से हम वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर बढ़ा रहे हैं, इससे तापमान बढ़ रहा है। वर्ष 2000 से 2010 के बीच कार्बन उत्सर्जन की दर पिछले एक दशक की तुलना में चार गुना बढ़ चुकी है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जहां तक हो सके हमें अपनी जीवनशैली को कम कार्बन उत्सर्जन करने वाली जीवनशैली में तब्दील करना होगा। इस मौके पर उद्योगपति डा. एस फारूख, संस्था के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश निधि शर्मा, अजय भारद्वाज, एएन शर्मा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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