उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
उत्तर प्रदेश
भव्य-दिव्य महाकुम्भ के लिए सीएम योगी की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम : देवकी नंदन ठाकुर
महाकुम्भ नगर। प्रख्यात कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने महाकुम्भ 2025 के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में की गई भव्य और दिव्य तैयारियों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सड़क, पानी, और अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हुए इस महापर्व को ऐतिहासिक बनाने में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। ठाकुर ने मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण कर हर पहलू को सुदृढ़ बनाने की सराहना की।
डबल इंजन सरकार को बताया सनातन धर्म हितैषी
देवकी नंदन ठाकुर ने केंद्र और प्रदेश सरकार को सनातन धर्म का हित चाहने वाली डबल इंजन सरकार बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ही सनातन धर्म के विकास के लिए समर्पित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी सरकार का शासन प्रदेश और देश के लिए अत्यंत लाभकारी है।
सनातन धर्म संसद का आयोजन
27 जनवरी को आयोजित होने वाली ‘सनातन धर्म संसद’ की घोषणा करते हुए ठाकुर ने इसके मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस संसद का मुख्य लक्ष्य ‘सनातन बोर्ड’ का गठन करना है। इस बोर्ड के माध्यम से धर्म परिवर्तन पर रोक, मंदिरों की संपत्ति का संरक्षण और धार्मिक संस्थानों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
मंदिरों की संपत्ति के उपयोग पर उठाए सवाल
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में मंदिरों की धनराशि का उपयोग ऐसे कार्यों में हो रहा है जो सनातन धर्म के विपरीत हैं। उन्होंने बताया कि इस धन से हज यात्राएं और चर्च निर्माण किए जा रहे हैं, जबकि इसे गुरुकुल, गौशाला, अस्पताल, और असहायों के कल्याण में लगाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘सनातन बोर्ड’ बनने के बाद यह समस्या हल हो जाएगी।
सनातन धर्म के संरक्षण की अपील
देवकी नंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के संरक्षण और उन्नति के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हम मांगते नहीं, इसलिए हमें मिला नहीं। वर्तमान सरकार से उन्होंने उम्मीद जताई कि वह उनकी बातों को सुनेगी और सनातन धर्म की उन्नति के लिए ठोस कदम उठाएगी।
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