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ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किए जाएंगे मार्टिन क्रो

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सिडनी। न्यूजीलैंड के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी मार्टिन क्रो शनिवार को ऑकलैंड में न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले आईसीसी विश्व कप-2015 के मैच के दौरान आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किए जाएंगे। आईसीसी ने गुरुवार को यह घोषणा की। क्रो आईसीसी की इस प्रतिष्ठित सूची में जगह पाने वाले कुल 79वें और न्यूजीलैंड के तीसरे खिलाड़ी होंगे। क्रो से पहले न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली और डेबी हॉकली इस सूची में शामिल हैं।

वेलिंग्टन से आस्ट्रेलिया के खिलाफ फरवरी, 1982 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 19 वर्ष की आयु में पदार्पण करने वाले क्रो 13 वर्षो तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहे और 77 टेस्ट मैचों में न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व किया। क्रो के नाम इन मैचों में 45.36 के औसत से 5,444 रन हैं। क्रो ने टेस्ट में कुल 17 शतक लगाए, जो किसी भी न्यूजीलैंड के क्रिकेटर की ओर से सर्वाधिक है।

पिछले वर्ष फरवरी में भारत के खिलाफ ब्रेंडन मैक्लम की 302 रनों की पारी से पहले जनवरी, 1991 में श्रीलंका के खिलाफ क्रो द्वारा बनाए गए 299 रन न्यूजीलैंड के किसी खिलाड़ी द्वारा सबसे बड़ी पारी थी। क्रो ने इसके अलावा 143 अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 38.55 के औसत से 4,704 रन बनाए। अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय में क्रो के नाम चार शतक और 34 अर्धशतक हैं। क्रो ने न्यूजीलैंड की ओर से तीन विश्व कप में हिस्सा लिया और उनके नेतृत्व में न्यूजीलैंड 1992 के विश्व कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने में सफल रही।

सेमीफाइनल में क्रो की टीम को पाकिस्तान से हार झेलनी पड़ी, जो बाद में चैम्पियन बनी। लेकिन क्रो की शानदार कप्तानी और टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले क्रो को विश्व कप-1992 का प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट से नवाजा गया।

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए

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ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।

भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।

यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक

बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।

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