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संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, ‘हिंदू भारत विरोधी नहीं हो सकता, देशभक्ति उनका बुनियादी चरित्र’
नई दिल्ली। जे के बजाज और एम डी श्रीनिवास लिखित पुस्तक ‘मेकिंग आफ ए हिन्दू पैट्रियट : बैकग्राउंड आफ गांधीजी हिन्द स्वराज’ का लोकार्पण करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू कभी भारत विरोधी नहीं हो सकते। देशभक्ति उनका बुनियादी चरित्र है। संघ प्रमुख ने महात्मा गांधी की उस टिप्पणी को उद्धृत करते हुए यह बात कही जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी देशभक्ति की उत्पत्ति उनके धर्म से हुई है।
भागवत ने कहा कि किताब के नाम और मेरा उसका विमोचन करने से अटकलें लग सकती हैं कि यह गांधी जी को अपने हिसाब से परिभाषित करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, “महापुरुषों को कोई अपने हिसाब से परिभाषित नहीं कर सकता.’’ उन्होंने कहा कि यह किताब व्यापक शोध पर आधारित है और जिनका इससे विभिन्न मत है वह भी शोध कर लिख सकते है।”
संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘गांधीजी ने कहा था कि मेरी देशभक्ति मेरे धर्म से निकलती है। मैं अपने धर्म को समझकर अच्छा देशभक्त बनूंगा और लोगों को भी ऐसा करने को कहूंगा। गांधीजी ने कहा था कि स्वराज को समझने के लिए स्वधर्म को समझना होगा। स्वधर्म और देशभक्ति का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि हिन्दू है तो उसे देशभक्त होना ही होगा क्योंकि उसके मूल में यह है। वह सोया हो सकता है जिसे जगाना होगा, लेकिन कोई हिन्दू भारत विरोधी नहीं हो सकता।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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