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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार की पहल का असर, स्वच्छता की अलख जगा रहे विद्यार्थी

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लखनऊ। योगी सरकार की पहल के तहत प्रदेश के सभी निकायों में ‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता’ थीम पर आयोजित ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान – 2024’ के अंतर्गत चल रहे 155 घण्टे के स्वच्छता अभियान के तीसरे दिन शनिवार को स्वच्छ भारत मिशन नगरीय द्वारा प्रदेश के लगभग 5000 स्कूलों, कालेजों व विश्वविद्यालयों में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की सहभागिता से स्वच्छता जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों, स्टाफ व अभिभावकों को स्वच्छता के इस जन आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ ही उनके स्वभाव और संस्कार में स्वच्छता की अलख जागृत करने का कार्य किया गया। इस दौरान शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने ‘स्वच्छता शपथ’ लेकर इस कार्य में निरन्तर अपना योगदान देने का संकल्प लिया।

स्वच्छता के संकल्प को किया जा रहा साकार

स्वच्छता की भागीदारिता में स्कूल, काॅलेज, विश्वविद्यालयों के स्वच्छ सारथी क्लब का महत्वपूर्ण योगदान रहा। नवयुवक हमारी धरोहर व भविष्य है। स्वच्छता की जागरूकता से लेकर स्वच्छता के प्रति विभिन्न कार्यों में इनका योगदान अतुलनीय है। इस वर्ष सभी निकायों में ‘स्वच्छ सारथी क्लब’ के माध्यम से ‘स्वच्छ स्कूल’ बनाये जा रहे है, जोकि प्लास्टिक मुक्त, स्वच्छ टाॅयलेट व स्वच्छ परिसर से युक्त होंगे। प्रत्येक निकाय में स्वच्छता के मानकों को पूर्ण करने वाले तथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को “स्वच्छ स्कूल” की उपाधि से सम्मानित भी किया गया। प्रदेश के स्वच्छ भारत मिशन नगरीय द्वारा सभी निकायों में ‘155 घंटे का नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान’ के दौरान विभिन्न आयोजनों के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को उनकी 155वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देकर उनके स्वच्छता के संकल्प को साकार किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को निकायों में ‘स्वच्छ स्कूल’ का चयन कर उन्हें सम्मानित किया गया। वहीं नुक्कड नाटक, स्ट्रीट प्ले, पेंटिंग/पोस्टर/लेख प्रतियोगिता, स्वच्छता रैली, कल्चरल इवेंट, स्वच्छता प्लेज, स्वच्छता आधारित प्रोजेक्ट, रंगोली, पौधरोपण, आर्ट एंड क्राफ्ट इत्यादि जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर स्वच्छता के प्रति ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ अभियान को और बल दिया गया।

आम जनमानस ने भी बढ़-चढ़ कर किया प्रतिभाग

स्वच्छता के प्रति जागरूकता के इस महाभियान में विद्यार्थियों के साथ आमजनमानस ने भी बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। विद्यार्थियों द्वारा निकाली गयी स्वच्छता रैली को लोगों ने अपना बहुमूल्य समय देकर खूब सराहा। बच्चों द्वारा बनाई गयी पेंटिंग-पोस्टर को स्कूलों की दीवारों पर स्थान दिया गया, जिससे स्वच्छता का पाठ आने वाली पीढ़ी के स्वभाव और संस्कार में स्थापित हो सके। अभिभावकों ने भी कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर स्वच्छ भारत मिशन नगरीय द्वारा चलायी जा रही इस मुहिम की जमकर सराहना की और साथ ही स्वच्छता के मूल्यों को दैनिक जीवन में अपनाने का प्रण भी लिया।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के अथक प्रयास से बीमारू से स्वस्थ प्रदेश बना यूपी

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का संकल्प लिया। साढ़े सात वर्षों में निरंतर किए गए प्रयासों के चलते आज उनका संकल्प साकार होता दिखाई दे रहा है। जहां वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के छात्रों को मेडिकल की डिग्री के लिए दूसरे राज्यों और विदेशों का रुख करना पड़ता था, वहीं आज उन्हे प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई करने की सुविधा मिल रही है। इससे न सिर्फ प्रदेश में पहले की अपेक्षा डॉक्टर्स की कमी दूर हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों की तुलना में प्रदेश में मेडिकल कॉजेल की संख्या में दोगुने का इजाफा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या महज 39 थी। इसी तरह प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

एमबीबीएस की 11,200 तो पीजी की 3,781 सीटोंं पर हो रहा दाखिला

मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प की दिशा में लगातार काम हो रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-2017 में कुल 39 मेडिकल कॉलेज थे। इनमें 14 सरकारी और 25 प्राइवेट कॉलेज शामिल थे। वहीं योगी सरकार के अथक प्रयासों से पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या में दोगुने का इजाफा हआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें 43 सरकारी और 35 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में एमबीबीएस की कुल सीटें 5,390 थी। इनमें एमबीबीएस की 1,840 सीटें सरकारी और 3550 सीटें प्राइवेट थीं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में कुल सीटें 11,200 हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 5150 सरकारी सीटें और 6050 प्राइवेट सीटें शामिल हैं। इसी तरह पीजी की सीटों की बात करें तो वर्ष 2016-17 में 1,344 सीटें थी। इनमें सरकारी 741 और प्राइवेट की 603 सीटें शामिल हैं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में इनकी कुल संख्या 3,781 हैं। इनमें सरकारी 1,759 और प्राइवेट की 2022 सीटें शामिल हैं।

बागपत, हाथरस और कासगंज में भी होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 12 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय क्रमश: बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी के कॉलेजों की 15 प्रतिशत सीटों को ऑल इंडिया कोटा के तहत काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है जबकि 85 प्रतिशत सीटों पर राज्य स्तरीय यूजी नीट प्रथम चक्र की काउंसिलिंग से अधिकांश पर आवंटन किया जा चुका है। वहीं सोनभद्र के मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के समक्ष द्वितीय अपील योजित की गई। अमेठी में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है। इसका निर्माण कार्य 34 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 100 सीटों की लेटर ऑफ परमिशन प्राप्त करने के लिए एनएमसी, नई दिल्ली का पोर्टल खुलते ही आवेदन किया जाएगा। इसी तरह पीपीपी मोड के तहत मऊ में कल्पनाथ राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां पर एनएमसी के लेटर ऑफ परमिशन के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही पीपीपी मोड के वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत बागपत, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।

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