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उत्तर प्रदेश

बुलंदशहर में हुई हाथरस जैसी वारदात, किशोरी से गैंगरेप की घटना को पुलिस ने दबाया, आधी रात कराया अंतिम संस्कार

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देश में बेटियों की सुरक्षा को लेकर वादे और बातें तो भरपूर की जाती हैं, लेकिन उनकी चीखें शायद प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच पाती। उत्तर प्रदेश में देश की बेटियों को आए दिन बेआबरू कर उनसे दुष्कर्म की घटनाएं जैसे आम बात हो गई हों। न तो सरकार के कानों में जूं रेंगती है और न ही पुलिस प्रशासन कोई शख्त रुख दिखता है। हाथरस में देश की बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और फिर रातों रात पुलिस के द्वारा कराये गए जबरन अंतिम संस्कार की दिल दहलाने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। अभी इस मामले को 2 साल ही हुए हैं ,उस दुखद घटना के ज़ख्म अभी भरे भी नहीं थे ,कि अब बुलंदशहर से भी ऐसा ही हिला के रख देने वाला मामला सामने आ गया है।

हाथरस की दिल दहला देने वाली घटना के दो साल बाद बुलंदशहर में भी गैंगरेप की घटना सामने आई है। यहां खेत में काम करने गई किशोरी की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। हाथरस की तरह यहां पुलिस ने खुद तो शव नहीं जलाया, बल्कि परिवार को धमकाकर आधी रात को ही पीड़ित का अंतिम संस्कार करने को कथित रूप से मजबूर किया। पुलिस ने जेल की हवा खिलने और लाठी डंडों के ज़ोर पर परिवार से ही उनकी बिटिया का अंतिम संस्कार जबरन करवाया।

पुलिस के खिलाफ गांव के लोग सड़क पर उतर आए हैं। वे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

बुलंदशहर और अलीगढ़ की सरहद पर बसे गांव डिबाई-गालिबपुर में 21 जनवरी के इस मामले को पुलिस-प्रशासन ने डरा-धमकाकर दबा दिया था। साथ ही ये कहानी अखबारों को बताई कि प्रेम प्रसंग के मामले में लड़की की हत्या हुई। लड़के ने खुद को भी खत्म करने की कोशिश की।
16 वर्षीय मासूम नाबालिग बच्ची से इतना घिनौना कृत किया गया और उसके बाद उसकी जान तक नहीं बक्शी गई। किशोरी के परिजन के मुताबिक डिबाई गालिबपुर निवासी उनकी 16 वर्षीय भांजी अपने घर पर थी। वह 21 जनवरी को घर से चारा लेने गई थी। दोपहर में धोरऊ गांव निवासी सौरभ शर्मा और उसके तीन साथी उसको जबरन उठाकर कर उसी गांव में ट्यूबवैल पर ले गए। वहां उसके साथ सभी ने गैंगरेप किया । उसके बाद सौरभ ने किशोरी के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस के फोन से परिजनों को घटना का पता चला।

इस केस में समाजसेवी पुलिस से प्रभावी कार्रवाई के लिए पैरवी करते रहे।

अगले दिन 22 जनवरी को अधिकारियों का फोन आया कि बुलंदशहर जिला अस्पताल में बेटी का पोस्टमार्टम हो रहा है। परिजन पोस्टमार्टम से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने अपनी मौजूदगी में अगले दिन पोस्टमार्टम करवाने की मांग की, लेकिन पुलिस ने वहां लाठी का भय दिखाकर शव रवाना कर दिया। परिजनों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि बिटिया का शव गांव में ले आओ, लेकिन अफसरों ने मना कर दिया।
पुलिस ने कोविड एक्ट के प्रावधान व कार्रवाई का दबाव बनाकर तत्काल अंतिम संस्कार करने को कहा। जब हम शव लेकर श्मशान घाट पहुंचे तो एक पुलिस की गाड़ी साथ थी। इसके बाद पुलिस की एक और गाड़ी आई। हमें अंदर करने और हम पर ही केस दर्ज करने की धमकी दी। आखिर रात 12 बजे अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करना पड़ा। परिजनों व ग्रामीणों ने मामले में पुलिस पर आरोपियों के दबाव में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है।

 

उत्तर प्रदेश

डीएम साहब को लगी प्यास, बिसलरी की जगह आ गई बिलसेरी, 3000 बोतल करवा दी नष्ट

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बागपत। बागपत से हैरान करने वाली खबर सामने आयी है। यहां कलेक्टर एक कार्यक्रम में बैठे थे, तभी उन्हे प्यास लगी। सामने पानी की बोतल देखते ही वो चौंक गए। नाम पढ़कर तुरंत फैक्ट्री पर रेड मारने के आदेश दे दिये।

दरअसल, बोतल पर ‘बिसलरी’ की बजाए ‘बिलसेरी’ लिखा था। इसके बाद खाद्य विभाग की टीम और पुलिस गोदाम पहुंची तो वहां 3000 हजार पानी की बोतल बरामद हुईं, जिन्हें जेसीबी चलाकर नष्ट कराया गया. फर्जी ब्रांड के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

बागपत में खाद्य विभाग में शनिवार को हड़कंप मच गया। बागपत के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के टेबल पर नकली पानी की बोतल पहुंच गई। नकली पानी की बोतल पर जब जिलाधिकरी की नजर गई तो, वह हैरान रह गए। अधिकारियों को बुलाकर इसकी सूचना दी। जिसके बाद अधिकारियों ने छापामार कार्रवाई की और ‘बिसलेरी’ के मिलते जुलते नाम ‘बिलसेरी’ जैसी पानी की बोतल वाली दुकानों और गोदामों में छापेमारी की गई।

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