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समुद्री डाकुओं के लिए काल बनी भारतीय नौसेना, 40 घंटे के ऑपरेशन में 35 समुद्री लुटेरों ने किया सरेंडर

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नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में लगभग 40 घंटे चले बचाव अभियान में 35 समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया और पूर्व मर्चेंट शिप रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को बचाया।

नौसेना ने रविवार को बताया कि उसने क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों को अपहरण करने के सोमाली समुद्री लुटेरों के मंसूबों पानी फेरने के लिए अरब सागर में आईएनएस कोलकाता को तैनात किया था। नौसेना ने कहा, “पूर्व मर्चेंट शिप रुएन को 15 मार्च को आईएनएस कोलकाता ने रोका। रुएन का दिसंबर 2023 में अपहरण कर लिया गया था और यह सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में था।”

इसमें कहा गया कि आईएनएस कोलकाता ने जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के जरिए एमवी रुएन पर सशस्त्र समुद्री लुटेरों की मौजूदगी का पता लगाया। नौसेना ने कहा, “एक लापरवाह शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते हुए समुद्री डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की। आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया, जिससे समुद्री डाकू जहाज को रुकने के लिए मजबूर हो गये।

नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारत की मुख्य भूमि से 1,400 समुद्री मील (2,600 किमी) दूर जारी समुद्री डकैती रोधी अभियान में भारतीय नौसेना के प्रयासों को क्षेत्र में आईएनएस सुभद्रा की तैनाती और सी-17 विमान द्वारा समुद्री कमांडो (प्रहार) को एयर-ड्रॉप करके बढ़ाया गया था। उन्होंने कहा, “समुद्री डाकू जहाज को हेल आरपीए और पी8आई समुद्री टोही विमान द्वारा निगरानी में रखा गया था। भारतीय नौसेना तरफ से 40 घंटे से अधिक समय तक के निरंतर दबाव और सुविचारित कार्रवाई के कारण, सभी 35 सोमाली समुद्री लुटेरों ने 16 मार्च को आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि एमवी रुएन के सभी 17 मूल चालक दल के सदस्यों को बिना किसी चोट के समुद्री डाकुओं के चंगूल से सुरक्षित निकाल लिया गया।”

उन्होंने कहा कि अवैध हथियारों, गोला-बारूद और प्रतिबंधित सामग्री की संभावित मौजूदगी के लिए जहाज तलाशी ली। नौसेना ने यह भी बताया कि 17 मार्च को मर्चेंट शिप रुएन की समुद्री योग्यता का आकलन किया जाएगा और लगभग 37,800 टन माल ले जाने वाले जहाज, जिसकी कीमत लगभग दस लाख डॉलर है, को सुरक्षित रूप से भारत लाया जाएगा।

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नेशनल

तमिलनाडु में बड़ा ट्रेन हादसा मालगाड़ी से टकराई मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस, 20 लोग घायल, चेन्नई डिवीजन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

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तिरुवल्लूर। मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12578) शुक्रवार रात चेन्नई के पास कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. इस हादसे में लगभग 19 यात्री घायल हो गए. ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर रेलवे ने हाई लेवल जांच के आदेश दे दिए हैं.

कवरापेटई के पास हुआ हादसा

दरअसल, ये हादसा चेन्नई-गुड्डूर खंड पर कवरापेटई रेलवे स्टेशन के पास हुआ। हादसे के समय शाम को 08 बजकर 30 मिनट बज रहा था। एक्सप्रेस ट्रेन ने पहले से ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मारी। जिस एक्सप्रेस ट्रेन ने टक्कर मारी वह 12578 मैसूरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस बताई जा रही है। ट्रेन 8 बजकर 27 मिनट पर पोन्नेरी स्टेशन से गुजरी और उसे मुख्य लाइन के माध्यम से अगले स्टेशन कवरापेटई से चलने के लिए हरी झंडी दे दी गई। इसी बीच ये हादसा हुआ है। हादसे के समय ट्रेन की स्पीड 75 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

चेन्नई डिवीजन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार कुल 12-13 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। लोगों को ट्रेन से बाहर निकाल लिया गया है। कुछ लोग घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। ट्रेन हादसे के बाद चेन्नई डिवीजन की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। ये दो हेल्पलाइन नंबर 04425354151 और 04424354995 हैं। इन नंबरों पर कॉल करके घायलों या ट्रेन एक्सीडेंट से जुड़ी कोई भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा यात्रियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए अलग से एक ट्रेन लगाई गई है।

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