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ये हैं देश के सबसे बुजुर्ग CEO, उम्र 95 साल, सैलरी जानकर उड़ जाएंगे होश!

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस साल कुल 114 लोगों को पद्म सम्मान दिया है। इनमें से 4 शख्सियत ऐसी हैं जिन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया है। इन्हीं में से एक हैं देश के सबसे बुजुर्ग सीईओ जिनकी उम्र 95 साल है।

हम बात कर रहे हैं महाशया दी हट्टी (एमडीएच) मसालों के सीईओ धरम पाल गुलाटी की। गुलाटी को ट्रे़ड एंड इंडस्ट्री के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

गुलाटी के नाम देश के सबसे बुजुर्ग सीईओ होने के साथ ही एफएमसीजी सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी लेने सीईओ होने का भी रिकॉर्ड है।

2000 करोड़ की मसाला कंपनी के मालिक धरम पाल गुलाटी ने साल 2018 में 25 करोड़ रुपए सैलरी के रूप में कमाए थे। धरम पाल गुलाटी ने कक्षा 5 में ही स्कूल छोड़ दिया था।

धरम पाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था। विभाजन के बाद गुलाटी पूरे परिवार के साथ भारत आ गए थे।

तब उन्होंने मात्र 1500 रुपए की लागत से दिल्ली के करोल बाग में अजमल खान रोड पर मसालों की एक दुकान खोली। धीरे-धीरे इनका कारोबार बढ़ गया और आज वह करीब 2000 करोड़ की मसाला कंपनी के मालिक हैं। आज धरम पाल गुलाटी की कंपनी एमडीएच देश के साथ विदेश में भी मसालों का कारोबार करती है।

गुलाटी सीईओ होने के साथ ही अपनी कंपनी के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। छोटे पर्दे पर उनके विज्ञापन देखने को मिलते हैं। ब्रांड एंबेसडर बनने के पीछे की कहानी बेहद ही दिलचस्प है।

उन्होंने इंटरव्यू में इस दिलचस्प किस्से के बारे में बताते हुए कहा, उनकी कंपनी के टीवी विज्ञापन की शूटिंग चल रही थी। एक दिन विज्ञापन में दुल्हन के पिता का रोल करने वाला कलाकार नहीं आया था।

तब निर्देशक ने गुलाटी से यह रोल करने को कहा। उन्होंने पैसे बचने की बात सोचकर यह रोल कर लिया। तभी से वे अपनी कंपनी के लिए विज्ञापन कर रहे हैं। आज वह अपनी कंपनी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी जाने जाते हैं।

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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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