प्रादेशिक
मध्य प्रदेशः इंदौर में टैंकर से जा टकराई तेज रफ्तार कार, 6 दोस्तों की मौत
भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर में सोमवार रात हुए भीषण सड़क हादसे में छह दोस्तों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सभी दोस्त पार्टी करके लौट रहे थे। इस दौरान उनकी कार पहले से खड़े टैंकर में पीछे से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार का अगला हिस्सा पिछली सीट से जा मिला। हादसा देर रात करीब एक बजे निरंजनपुर चौराहे के पास हुआ।
दो दोस्त सीट से उछलकर बोनट पर आ गिरे। उनमें से किसी का हाथ तो किसी का सिर धड़ से अलग हो चुका था। वे देवास की तरफ से आ रहे थे। हालांकि, अभी यह नहीं पता चला है कि वे पार्टी करने कहां गए थे और हादसा किन परिस्थितियों में हुआ। इस हादसे में कार में सवार 4 युवकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इसके अलावा दो की इलाज के दौरान मौत हो गई। हादसे की जानकारी होने के बाद मौके पर लसुडिया थाना पुलिस पहुंची और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मृतक के परिजनों को भी घटना की जानकारी दे दी गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सभी मृतक इंदौर के रहने वाले हैं। उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। हादसे का कारण तेज रफ्तार कार का अनियंत्रित होना बताया जा रहा है। मृतकों के नाम ऋषि पंवार, सूरज बैरागी, चंद्रभान रघुवंशी, सोनू जाट, सुमित सिंह, गोलू बैरागी बताया जा रहा है।
नेशनल
कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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