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सोने का है ईशा अंबानी की शादी का कार्ड, आम लोगों को मिला जाए तो हो जाएंगे मालामाल!
नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी 12 दिसंबर को आनंद पीरामल के साथ सात फेरे लेंगी।
माना जा रहा है कि यह शादी अब तक की सबसे ग्रैंड शादी होगी। ईशा-आनंद की शादी कितनी रॉयल होगी इसका अंदाजा उनके वेडिंग कार्ड से लगाया जा सकता है।
ईशा का वेडिंग कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। शादी का कार्ड परांपरिक अंदाज में रॉयल लुक देते हुए बनाया गया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्ड में सोने से कढ़ाई की गई है। यह इंविटेशन कार्ड आपको देखने में आम कार्ड जैसा बिल्कुल नहीं दिखेगा।
इस कार्ड को बॉक्स के आकार का बनाया गया है जिसे खोलने पर सबसे पहले आपको ‘IA’लिखा दिखता है, जिसका अर्थ है ईशा-आनंद। मेन बॉक्स में एक डायरी है, जिसमें शादी का आमंत्रण दिया गया है और तमाम जानकारियां शामिल हैं।
पिंक कलर के बॉक्स पर सोने से कढ़ाई की गई है। इसे खोलने पर गायत्री मंत्र बजता है। इसके भीतर 4 अन्य छोटे बॉक्स हैं, जिनमें गायत्री देवी की मढ़ी हुई तस्वीरें हैं। दूसरे बॉक्स में मोती की माला रखी हुई है। इस शाही अंदाज में बने एक कार्ड की कीमत तकरीबन 3 लाख रुपये बताई जा रही है।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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