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ट्विटर ने 1 घंटे के लिए लॉक किया आईटी मंत्री का अकाउंट, रविशंकर प्रसाद ने कही ये बात
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया कि उनके ट्विटर हैंडल का एक्सेस कंपनी ने एक घंटे तक के लिए बंद कर दिया था। ट्विटर ने अकाउंट सीज करने के पीछे अमेरिका की डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के उलंघन की बात कही है।
जिसमें उन्होंने कारण साझा किया है जिसके कारण उनका ट्विटर अकाउंट का एक्सेस बंद कर दिया गया था। उन्होंने वो भी स्क्रीन शार्ट शेयर किया जिसमें उन्हें एक घंटे बाद दोबार एक्सेस मिल गया दिखाई दे रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टि्वटर द्वारा की गई कार्रवाई भारत के नए आईटी नियमों का उल्लंघन है। प्रसाद ने लिखा, “दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अजीब हुआ। ट्विटर ने मेरे अकाउंट को लगभग एक घंटे तक इस आधार पर एक्सेस करने से मना कर दिया कि अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन हुआ है और बाद में उन्होंने मुझे अकाउंट एक्सेस करने की अनुमति दी।”
उन्होंने कहा ट्विटर की कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) नियम 2021 के नियम 4 (8) के घोर उल्लंघन था, जहां वे मुझे अपने स्वयं के खाते तक पहुंच से वंचित करने से पहले मुझे कोई पूर्व सूचना तक नहीं दी। बिना मुझे सूचना दिए ही मेरा अकाउंट घंटे भर के लिए ब्लॉक कर दिया।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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