अन्तर्राष्ट्रीय
पिता को बैठाकर 1200 किमी साइकिल चलाने वाली ज्योति की फैन हुईं इवांका ट्रंप, कही ये बात
नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान साइकिल चलाकर अपने घायल पिता को गुरुग्राम से 1200 किमी दूर घर ले जाने वालीं ज्योति कुमारी की खबर इवांका ट्रंप तक पहुंच गईं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ज्योति कुमारी की खबर शेयर करते हुए तारीफ की। उन्होंने कहा कि धीरज और प्रेम के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीय लोगों और साइकिल फेडरेशन का ध्यान खींचा है।
इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर 7 दिनों में 1,200 किमी सफर तय करके गांव पहुंची। धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है।”
इवांका ट्रंप के इस ट्वीट पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, “उसकी गरीबी और हताशा को ऐसे महिमामंडित किया जा रहा है जैसे कि ज्योति ने रोमांच के लिए 1,200 किलोमीटर साइकिल से सफर किया। सरकार ने उसे असफल कर दिया।”
बता दें कि ज्योति कुमारी और उनके पिता हरियाणा के गुरुग्राम में रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान ज्योति के पिता मोहन पासवान एक दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिससे वह घर जाने की स्थिति में नहीं थे।
ऐसे में बेटी ज्योति 10 मई को गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 12 सौ किमी दूर बिहार के दरभंगा रवाना हुईं। वह 16 मई को घर पहुंचीं। ज्योति कुमारी की इस तकलीफ और साहस के बारे में जानकर लोग हैरान हो गए। यहां तक कि इवांका ट्रंप भी प्रभावित होकर ज्योति कुमारी से जुड़ी एक खबर शेयर कर तारीफ करने को मजबूर हो गईं।
अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान का फाइटर प्लेन दुर्घटना का शिकार, दो पायलटों की मौत
तेहरान। ईरान का एक लड़ाकू विमान बुधवार को देश के दक्षिणी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो पायलटों की मौत हो गई। हालांकि यह विमान वाकई किसी दुर्घटना का शिकार हुआ या फिर इसे किसी देश ने मार गिराया। इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। पायलटों की पहचान कर्नल हामिद रजा रंजबार और कर्नल मनौचेहर पीरजादे के रूप में की गई है।
ईरान की मीडिया में सामने आई खबरों के अनुसार विमान की मरम्मत के बाद पायलट परीक्षण उड़ान पर थे। यह दुर्घटना राजधानी तेहरान से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण में फिरोजाबाद शहर के पास हुई। रिपोर्ट में विमान के प्रकार या दुर्घटना के कारण के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।
ईरान की वायु सेना के पास 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदे गए अमेरिका निर्मित कई सैन्य विमान हैं। टॉमकैट एफ-14 अमेरिका निर्मित विमान है, ईरान के पास रूस निर्मित मिग और सुखोई विमान भी हैं। दशकों से पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण देश को विमान के ‘स्पेयर पार्ट्स’ (खराब हुए पुर्जों की जगह नए पुर्जे) प्राप्त करना और पुराने विमानों का रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है।
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