बिजनेस
पूर्वी यूपी में 4 करोड़ उपभोक्ताओं का आंकड़ा पार करने वाली पहली कंपनी बनी जियो
लखनऊ। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जियो ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर दिये हैं I ट्राई की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी यूपी में जियो एकमात्र और पहली कंपनी है, जिसने 4 करोड़ उपभोक्ताओं का आकड़ा पार किया है I जियो पिछले कई महीनों से अपने तेज़ स्पीड नेटवर्क और किफायती प्लान्स के कारण लगातार क्षेत्र में नंबर एक ऑपरेटर बना हुआ हैI
ट्राई की मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी यूपी में जियो ने सबसे अधिक उपभोक्ता जोड़े हैं जो की लगभग 2.67 लाख हैं और अब कंपनी के पास 4 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं I वहीँ दूसरी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने पूर्वी यूपी में मार्च में लगभग 2.09 लाख उपभोक्ता जोड़े हैं और अब एयरटेल के पास करीब 3.73 करोड़ उपभोक्ता हैं I
वोडाफोन-आईडिया ने इस अवधि में करीब 39 हज़ार उपभोक्ता जोड़े हैं और अब उसके पास लगभग 1.74 करोड़ उपभोक्ता हैं I वहीँ सरकारी टेलीकॉम ऑपरेटर बीएसएनएल मार्च में करीब 4.56 लाख उपभोक्ता खोकर केवल 73.90 लाख उपभोक्ताओं के साथ क्षेत्र में मौजूद है I ट्राई के इसी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 में पूर्वी यूपी में 10.21 करोड़ उपभोक्ता उपस्थित थे, जिसमें सबसे ज़्यादा, 40% से अधिक उपभोक्ता जियो के पास थे I
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जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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