बिजनेस
जियो का दिवाली-धमाका, 699 रुपये में मिलेगा ‘जियोभारत’ 4जी फोन
नई दिल्ली| देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने इस दीपावली, जियोभारत 4जी फोन की कीमतों में 30 फीसदी की भारी भरकम कटौती कर दी है। सीमित अवधि के इस ऑफर में, 999 रुपये का जियोभारत मोबाइल फोन अब 699 रुपये की विशेष कीमत पर मार्केट में उपलब्ध है। जियोभारत फोन को 123 रुपये में रिचार्ज कराया जा सकता है। इस मासिक टैरिफ प्लान में अनलिमिटेड फ्री वॉयस कॉल, 14 जीबी डेटा भी साथ मिलेगा।
123 रु वाला जियो का मासिक रिचार्ज प्लान दूसरे ऑपरेटर्स की तुलना में 40 प्रतिशत सस्ता पड़ता है। क्योंकि अन्य नेटवर्कस, फीचर फोन के मासिक रिचार्ज के लिए कम से कम 199 रुपये वसूल करते हैं। यह जियो के मुकाबले 76 रुपये अधिक मंहगा है। इसका मतलब है कि यदि ग्राहक हर रिचार्ज पर 76 रु प्रतिमाह बचाता है तो पूरे फोन की कीमत 9 महीनों में ही पूरी हो जाएगी। एक तरह से 9 महानों के रिचार्ज के बाद जियोभारत फोन ग्राहक को फ्री का पड़ेगा।
यह सिर्फ़ एक फ़ोन नहीं है, यह 2जी से 4जी पर शिफ्ट करने का एक मौका है। 455 से अधिक लाइव टीवी चैनल, मूवी प्रीमियर और नई फिल्में, वीडियो शो, लाइव स्पोर्ट्स प्रोग्राम, जियोसिनेमा के हाइलाइट्स, डिजिटल भुगतान, QR कोड स्कैन जैसी सुविधाएं जियोभारत 4जी फोन में उपलब्ध हैं। जियोपे और जियोचैट जैसे प्रीलोडेड ऐप भी इस फोन में मिलेंगे। फोन को नजदीकी स्टोर्स के अलावा, जियोमार्ट या एमेज़न से भी खरीदा जा सकता है।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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