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खत्म किया जाय ऐसे नेताओं का निर्वाचित दर्जाः शिवसेना

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जेएनयू प्रकरण, शिवसेना, विराट कोहली प्रकरण, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’

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मुंबई। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रकरण पर शिवसेना ने आज कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन का समर्थन कर रहे तमाम राजनीतिज्ञों का निर्वाचित दर्जा खत्म कर दिया जाए और भारत विरोधी नारे लगाने वालों को जेल की सलाखों के पीछे डाला जाए। शिवसेना ने विराट कोहली प्रकरण का जिक्र किया जिसके एक पाकिस्तानी प्रशंसक को भारतीय ध्वज लहराने पर पाकिस्तान में ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ करार दिया गया था । शिवसेना ने कहा कि भारत के खिलाफ नारा लगाने वाले सभी लोगों को ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ करार दिया जाए। केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग की सहयोगी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया कि भारत के खिलाफ नारा लगाने वाले सभी लोगों को तुरंत सलाखों के पीछे डाला जाए।

संपादकीय में आरोप लगाया गया कि अब जेएनयू परिसर ना सिर्फ राष्ट्रविरोधियों का, बल्कि पाकिस्तानी और चीनी एजेंटों का गढ़ बन गया है जो सरकार के पैसे पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो रहे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि अगर निर्वाचित प्रतिनिधि राष्ट्रविरोधियों की हिमायत में आगे आते हैं तो कानून में यह प्रावधान होना चाहिए कि ऐसे प्रतिनिधियों से उनका निर्वाचित दर्जा छीन लिया जाए। पाकिस्तानी आतंकवादियों से ज्यादा लोकतंत्र और स्वतंत्रता देश का गला घोंट रहे हैं। शिवसेना ने यह भी कहा कि उन संस्थानों में ‘‘सघन तलाशी’’ अभियान चलाया जाना चाहिए जहां याकूब मेमन और अफजल गुरू जैसे आतंकवादियों के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं।

जेएनयू आंदोलन का समर्थन करने वाले नेताओं के छीने जाएं अधिकार : शिवसेना जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रकरण पर शिवसेना ने आज कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन का समर्थन कर रहे तमाम राजनीतिज्ञों का निर्वाचित दर्जा खत्म कर दिया जाए संपादकीय में कहा गया है किअगर विराट कोहली के किसी पाकिस्तानी प्रशंसक को भारतीय ध्वज लहराने पर उस देश में राष्ट्रविरोधी करार दिया जा सकता है तो फिर क्यों भारत विरोधी नारा लगाने वाले लोगों के साथ नरमी से पेश आया जाए। सरकार को सख्त कदम लेना है। शिवसेना ने कहा, अगर कोई (नाथूराम) गोडसे की जयंती या बरसी मनाता है तो संसद में हंगामा होता है। क्यों कांग्रेस हंगामा नहीं करती जब अफजल गुरू को उसकी बरसी पर याद किया जाता है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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