आध्यात्म
Kajari Teej 2018 : 29 अगस्त को है कजरी तीज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हर साल भादो मास की कृष्ण तृतीया को कजरी तीज मनाई जाती है। हिंदू धर्म में साल में 3 बार तीज का त्योहार मनाया जाता है। तीज का महापर्व हर साल तीन बार आता है, जिसमें हरतालिका तीज, हरियाली तीज और कजरी तीज का पर्व सुहागिन महिलओं द्वारा मनाया जाता है।
इस बार कजरी तीज का त्योहार 29 अगस्त 2018, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में मान्यता है कि कजरी तीज के दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आर्शीवाद मिलता है।
माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था। इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना करनी चाहिए। इससे कुंवारी कन्याओं को अच्छा वर प्राप्त होता है। साथ ही सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है।
कजरी तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त –
28 अगस्त 2018 को रात्रि 20:41:26 से तृतीया आरम्भ
29 अगस्त 2018 को रात्रि 21:40:13 पर तृतीया समाप्त
पौराणिक महत्व – माता पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी इसके लिए उन्होनें 108 साल तक कठोर तपस्या की थी और भवगाव शिव को प्रसन्न किया था। शिवजी ने पार्वती से खुश होकर इसी तीज के दिन अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते हैं।
पूजा विधि – इस दिन नीम की पूजा की जाती है। कन्याएं व सुहागिनें व्रत रखकर संध्या को नीम की पूजा करती हैं। कन्याएं सुन्दर,सुशील वर तथा सुहागिनें पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। वे तीज माता की कथा सुनती हैं। मन्दिरों में देवों के दर्शन करती हैं। इसके बाद व्रत तोड़ती है। कजरी तीज पर नीमड़ी माता की पूजा की जाती है। पूजन से पहले मिट्टी व गोबर से दीवार के सहारे एक तालाब जैसी आकृति बनाई जाती है और उसके पास नीम की टहनी को रोप देते हैं। फिर किनारे पर एक दीया जलाकर रखते हैं।
यह त्योहार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन उपवास रखकर अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं।
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आध्यात्म
dussehra 2024: दशहरे के दिन करें ये काम, होगी धन प्राप्ति
नई दिल्ली। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार होता हैं। इस बार दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान राम ने रावण को मारकर असत्य पर सत्य की जीत की थी। इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। दशहरें के दिन करें ये काम –
इस दिन मां दुर्गा की पूजा कर उनके चरण धोकर लाल रंग के कपड़़े को तिजोरी में रखना चाहिए। इससे मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।
इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने चाहिए। कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण के वध से पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे और उन्हें हर क्षेत्र में विजय हासिल हुई थी।
इस दिन शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन कुबेर ने शमी के पेड़ के पत्ते को सोना बना दिया था। इसलिए इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
दशहरे के दिन यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन मां दुर्गा भी यात्रा करती हैं। इसलिए हो सके तो छोटी यात्रा का ही प्लान बनाएं।
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