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KANPUR कांड के दोषी विकास दुबे को LDA का झटका,भाई समेत माफिया के LUCKNOW के मकान भी होंगे ध्वस्त

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mafiya vikas dubey

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कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करके फरार हुए अपराधी विकास दुबे और उसके भाई दीप प्रकाश दुबे के लखनऊ स्थित मकानों को गिराने की कवायद भी शुरू हो गयी है। पुलिस कमिश्नर ने भी एलडीए को इस सबन्ध में पत्र भेजा है शनिवार को कानपुर प्रशासन ने विकास का किलेनुमा घर ढहाया है।

kanpur vikas dubey house

kanpur vikas dubey house

दोनों भाइयों के मकान कृष्णनगर की इंद्रलोक कॉलोनी में हैं। दोनों भाइयों के मकानों को गिराने की तैयारी एलडीए ने शुरू कर दी है। शासन के बड़े अफसरों ने बाकायदा एलडीए वीसी शिवाकांत द्विवेदी व सचिव मंगला प्रसाद सिंह को इस सबन्ध में निर्देश भी जारी किए हैं। कानपुर के मकान को ढहाने पर सोशल मीडिया में पुलिस की आलोचना को देखते हुए एलडीए बेहद फूंक फूंक कर पूरी कार्रवाई को अंजाम देगा। गोपनीय तरीके से एलडीए इंजीनियरों ने बाकायदा दोनों भाइयों के मकानों की नापजोख भी कर ली है। इंद्रलोक कॉलोनी में विकास दुबे के मकान का नम्बर जे 424 और भाई का के 528 है। इंद्रलोक कॉलोनी को कृष्णा कॉलोनाइजर्स बिल्डर ने बसाया था। बिल्डर के भू उपयोग से जुड़ी फाइलें तलाशना एलडीए ने शुरू किया है। एलडीए ने लखनऊ डीएम और नगर आयुक्त को भी एक पत्र लिखा है जिसमे बिल्डर से जुड़ी कई जानकारियों की मांग की गई है एलडीए अफसरों के मुताबिक कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार के सवाल न उठें, इसकी तैयारी की जा रही है पूरी कार्रवाई एलडीए में स्थित अवैध निर्माणों के लिए गठित न्यायालय विहित प्राधिकारी के जरिये कराया जाएगा। दरअसल पुलिस कमिश्नर के दफ्तर से एलडीए वीसी को जो पत्र भेजा गया है उसमें विकास दुबे व उसके भाई समेत परिजनों की संपत्तियों की पूरी जानकारियां मांगी गई है साथ ही मकानों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी है। सूत्रों के मुताबिक कृष्णानगर कोतवाली के पुलिसकर्मियों को भी दोनों के मकानों का विस्तृत ब्यौरा जल्द हासिल करने के लिए सक्रिय किया गया है। एलडीए अफसरों के मुताबिक चूंकि 90 के आसपास नक्शे के लिए एलडीए में फाइल चली थी। इसलिए कृष्णा कॉलोनाइजर्स से भी सम्पर्क किया जा सकता है। विकास की सारी सम्पत्तियां कई शहरों में खंगाली जा रही हैं।

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नोएल टाटा चुने गए रतन टाटा के उत्तराधिकारी, बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन

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नई दिल्ली। देश ही नहीं दुनिया के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके जाने के बाद लोगों के मन में यही सवाल था कि टाटा का अब अगला उत्तराधिकारी कौन होगा। अब इसका जवाब भी मिल गया है। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन होंगे। नोएल अभी तक टाटा के दोनों ट्रस्ट के ट्रस्टी थे, लेकिन वे अब चेयरमैन कहलाएंगे। आज सुबह टाटा ट्रस्ट की बोर्ड मीटिंग हुई और इसी में नोएल टाटा की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसके साथ ही अब नोएल दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले टाटा ग्रुप के कारोबार को संभालेंगे। इस जिम्मेदारी को निभाने में उनके तीनों बच्चे लिया, माया और नेविल सहयोग करेंगे, जो पहले से ही टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।

नोएल टाटा को टाटा ग्रुप की विरासत को संभालने के लिए सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था। टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में नोएल टाटा पहले से कामकाज देख रहे हैं और टाटा परिवार से भी हैं। नोएल फिलहाल Trent, Voltas, Tata Investment Corporation और Tata International के चेयरमैन हैं। वह टाटा स्टील और टाइटन में वाइस चेयरमैन भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि नोएल और रतन टाटा के बीच कई सालों तक प्रोफेशनल रिश्ता था। नोएल को 2019 के आखिर में सर रतनजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया था और 2022 में वह सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में शामिल हुए।

टाटा संस के पूर्व बोर्ड सदस्य आर गोपालकृष्णन ने नोएल को ‘बहुत अच्छा और समझदार आदमी’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘वह ट्रस्ट के लिए बहुत अच्छा काम करेंगे। वे अपने व्यवसाय और उद्यमशीलता कौशल के साथ, टाटा ट्रस्ट को और आगे लेकर जाएंगे। नोएल टाटा, 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड को लीड किया था।

रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल

बता दें कि 67 साल के नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। क्योंकि रतन टाटा के अपने सगे भाई जिम्मी टाटा बिजनेस से दूर रहते हैं, इसलिए रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को उनकी जगह पर चेयरमैन बनाया गया। नया पद मिलने से पहले नोएल टाटा दोनों ट्रस्टों के मेंबर थे। वर्तमान में टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा सन्स के चेयरमैन N चंद्रशेखरन हैं। ट्रेंट कंपनी की चेयरमैन नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा हैं।

पूरे टाटा ग्रुप के ऊपर 2 ट्रस्ट हैं, जिनकी कमान टाटा परिवार के हाथ में ही रहती है। इन्हीं दोनों ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा थे और बुधवार रात रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को चेयरमैन बना दिया गया है।

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