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36 साल बाद मिला कपिल देव को मेहनत का फल, मिनटों में हो गए मालामाल

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नई दिल्ली। भारत को 1983 का विश्व कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने जब क्रिकेट की दुनिया में कदम नहीं रखा था उससे पहले कपिल देव ने तीन साल तक एक कपंनी में काम किया था। वो मोदी स्पिनिंग एंड वीविंग मिल्‍स में लायजनिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। इस कंपनी में उन्‍होंने 1979 से 1982 तक काम किया था।

36 साल बाद चुकाया कपिल देव का पीएफ:

खबरों कि मानें तो इस कंपनी ने करीब 36 साल बाद अपना बकाया चुकाया है। कंपनी पर कपिल का 2.75 लाख रुपए का प्रोविडेंट फंड बकाया था जिसे कंपनी ने अब 36 साल बाद चुकाया है। ये सुन के आप चौंक जाएंगे।

पुराने रिकॉर्ड के बाद मिली जानकारी:

इसके बारे में कंपनी के सचिव ने बताया कि जब वो कंपनी के पुराने रिकॉर्ड्स चेक कर रहे थे। तो उनको पता चला कि कंपनी ने अभी तक कपिल देव को उनका पीएफ का पैसा नहीं दिया है। जिसके बाद उन्होंने कपिल देव से संपर्क किया और उनको वो बकाया चुकाया।

भारत के लिए खेला है 225 वनडे मैच:

आपको बता दें कि कपिल देव सालों पहले क्रिकेट से सन्‍यास ले चुके हैं। 1983 में कपिल देव ने भारत को पहला वर्ल्‍ड कप जितवाया था। उन्‍होंने भारत की तरफ से कुल 225 वनडे मैच खेले हैं और इन मैचों में उन्‍होंने कुल 3783 रन बनाए हैं।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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