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प्रादेशिक

बाइक चलाती बुर्का पहनी ‘खान सिस्टर्स’, दी ‘फ्लाइंग किश’ तो मच गया सियासी बवाल

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कर्नाटक से उठे हिजाब का विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। इसके समर्थन में भोपाल में मुस्लिम महिलाएं आगे आईं और उन्होंने अनोखे अंदाज में इसका विरोध भी किया। दरअसल मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के हिजाब पर बैन लगाने का बयान देने के बाद विवाद छिड़ गया है, हालांकि उन्होंने बाद में सफाई दे दी कि मध्यप्रदेश में नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं होगा, ना ही सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव है। लेकिन उनके हिजाब वाले बयान का बुधवार को अनूठा विरोध देखने को मिला। मुस्लिम लड़कियों ने न केवल हिजाब बल्कि पूरा बुर्का पहनकर फुटबॉल और अन्य खेल खेले। इसके अलावा बाइक चलाती युवतियों का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें पीछे बैठी एक लड़की फ्लाइंग किस देती नजर आ रही है।

वहीं जब युवतियों के हिज़ाब पहनकर बाइक चलाने का वीडियो वायरल हुआ तो प्रदेश में सियासी बवाल भी मच गया। कांग्रेस और बीजेपी के बीच ट्वीटर वार शुरू हो गया। बीजेपी के प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कांग्रेस के आरिफ मसूद पर तंद करते हुए लिखा कि विधायक आरिफ मसूद तो फरमा रहे थे कि हिजाब हमारी बच्चियों को ताँकाझाकी से महफूज रखने के लिऐ है फिर ये “फ्लाइंग किस” किसलिये दे रही है? वहीं उन्होंने कहा कि राजधानी में सुनियोजित “प्रौपोगेंडा” फैलाया जा रहा है।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी अपने राजनीतिक फायदे के लिए कुछ भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि गाड़ी का नम्बर प्लेट भाजपा के रंग में रंगा हुआ है। क्या ये भाजपा प्रायोजित है? भाजपा जवाब दे , ये बच्चियां कौन…?
वहीं इस पूरे विवाद के बीच खेल मैदान में उतरीं युवतियों का कहना है कि अगर वे आईएएस अधिकारी भी बन जाएंगी तो भी हम हिजाब नहीं छोड़ेंगे। हिजाब के लिए वे लड़ती रहेंगी। उन्होंने कहा कि कि हिजाब हमारी पहचान है। हम इसे मर्जी से पहनते हैं। किसी के दबाव में नहीं पहनते। हिजाब मुद्दा नहीं है बल्कि सरकार को पढ़ाई देखना चाहिए।

 

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के अतरैला टोल प्लाजा पर एसटीएफ ने मारा छापा, 120 करोड़ रुपये के घोटाले का किया पर्दाफाश

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मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने NHAI के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर देशभर में फैले टोल वसूली के नेटवर्क से 120 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. लखनऊ एसटीएफ ने बीते मंगलवार को मिर्जापुर के लालगंज स्थित अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर टोल मैनेजर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 5 मोबाइल, दो लैपटॉप, प्रिंटर समेत 19 हजार रुपये भी किये बरामद किये हैं. एसटीएफ के इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि एनएचएआई के दर्जनों टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

इस तरह NHAI को लगा रहे थे चूना

टोल टैक्स में हो रहे इस घोटाले में बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों के ज़रिए हो रहा था। पूरे देश मे ऐसी गाड़ियों से टोल पर दोगना टोल लिया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों से दोगना पैसा तो लिया जाता था। फर्ज़ी रसीद भी दी जाती थी, लेकिन ये पैसा कर्मचारी आपस मे बांट लेते थे।

ये NHAI के खाते में नहीं जमा होता था। टोल का 50 फीसदी पैसा NHAI के खाते में जमा होता है। रोजाना इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए इस अकेले टोल से 40 से 50 हज़ार रुपये की कमाई होती है। इस टोल पर पिछले दो साल से इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर करीब 120 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।

42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने का दावा

एसटीएफ के मुताबिक इस घोटाले का मुख्य आरोपी आलोक कुमार सिंह ने MCA किया हुआ है। आलोक ने एसटीएफ को बताया कि देश के करीब 200 टोल पर इस तरह का घपला हो रहा है और उसने खुद 42 टोल प्लाजा पर ये सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया है। अब एसटीएफ बाकी टोल प्लाजा में लगे इस सॉफ्टवेयर को पकड़ने की कोशिश कर रही है। फिलहाल एसटीएफ ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि जिन 42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किए गए हैं वे किन जगहों पर हैं।

 

 

 

 

 

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