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कंगना के बयान से हरियाणा की खाप पंचायतों में गुस्सा, कहा- हिम्मत हो तो यहां आकर दिखाओ, औकात पता चल जाएगी
नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर की गई टिप्पणी की वजह से अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में गुस्सा है। हरियाणा की खाप पंचायतों ने कंगना को खुलेआम चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है तो राज्य में घुसकर दिखाएं।
कंगना ने प्रदर्शन में शामिल बुजुर्ग महिला पर टिप्पणी करते हुए उन्हें 100 रुपये की दिहाड़ी पर आने वाली महिला बताया था। कंगना की इसी टिप्पणी पर सर्व पूनिया खाप के राष्ट्रीय प्रवक्ता व भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के पूर्व सदस्य जितेंद्र छात्तर ने गुस्सा जताया है। शुक्रवार को जितेंद्र छात्तर ने कहा कि कंगना का बयान महिलाओं का अपमान करता है और सभी खापों में इसे लेकर रोष है।
छातर ने कंगना को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो वह हरियाणा में आकर दिखाएं। उन्होंने कहा, अगर कंगना में हिम्मत है तो हरियाणा और आसपास के राज्यों पश्चिमी उतर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान में आइए। आपको अपनी औकात का पता लग जाएगा।’
खाप के प्रवक्ता ने कहा, ‘100- 100 रुपये में बूढ़ी मां नहीं बल्कि नाचने वाली आ जाती हैं। कंगना के खिलाफ जींद और अन्य जगह पर मुकदमें भी दर्ज होंगे। इसके साथ ही उनकी फिल्मों का भी विरोध होगा।’
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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