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आध्यात्म

श्रीकृष्‍ण की बुद्धि से ही श्रीकृष्‍ण को जाना जा सकता है

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kripalu ji maharaj

अतः बुद्धि की गति ही नहीं है। यदि बुद्धि ग्राह्य भगवान् हो जाय तो बुद्धि को ही भगवान् मानना होगा। किंतु अनेक जीवों ने जाना भी है। वेद कहता है। यथा-

वेदाहमेतं पुरुषं महान्‍तमादित्‍यवर्णं तमसः परस्‍तात् ।

(श्‍ वेता. 3-8)

इसका रहस्‍य यह है कि श्रीकृष्‍ण की बुद्धि से ही श्रीकृष्‍ण को जाना जा सकता है। और वह बुद्धि तभी प्राप्‍त होगी जब जीव, श्रीकृष्‍ण के शरणापन्‍ न होगा। इसी भाव से गीता कहती है। यथा-

तेषां सततयुक्‍तानां भजतां प्रीतिपूर्वकम् ।

ददामि बुद्धि योगं तं येन मामुपयान्ति ते।।

(गीता 10-10)

अतः हे बुद्धिदेवी! तुम श्रीकृष्‍ण की शरण चली जावो बस- तुम्‍हारा काम बन जायगा।

राधे राधे राधे राधे राधे राधे

श्‍याम समुझ से श्‍याम को, समुझ सके सब कोय।

श्‍याम समुझ तब मिलइ जब, समुझ समर्पित होय।।33।।

भावार्थ- श्‍यामसुन्‍दर की बुद्धि से ही वे समझ में आयेंगे ऐसा समझ कर अपनी समझ (बुद्धि) को श्‍यामसुन्‍दर के चरणों में समर्पित कर देना चाहिये।

व्‍याख्‍या- मायाबद्ध जीवों की बुद्धि मायिक है। माया से ही उत्‍पन्‍ न है। अतः मायिक विषयों का ही आंशिक ज्ञान प्राप्‍त कर सकती है। आंशिक इसलिये कह रहा हूँ कि पूर्णज्ञान तो तभी कहा जायगा, जब माया के मूल रूप भगवान् श्रीकृष्‍ण का ज्ञान हो जाय।

और ऐसा ज्ञान तभी हो सकता है, जब जीव अपनी बुद्धि को श्रीकृष्‍ण के चरणों में शरणापन्‍ न कर दे। शरणापन्‍ न करने से ही वे अकारण करुण श्रीकृष्‍ण, कृपा द्वारा अपनी दिव्‍य बुद्धि प्रदान कर देंगे।

तभी हम उस श्रीकृष्‍ण बुद्धि से उनको जान सकेंगे। इसी प्रकार उनकी दी हुई दिव्‍य द ृष्टि से ही उनको देख सकेंगे। एवं उनके शब्‍द, स्‍पर्श, रस आदि का अनुभव कर सकेंगे। अन्‍यथा तो अपनी मायिक वृत्ति का ही लाभ पायेंगे। यथा भागवत-

मल्‍लानामशनिर्नृणां नरवरः स्‍ त्रीणां स्‍मरो मूर्तिमान् ,

गोपानां स्‍वजनोऽसतां क्षितिभुजां शास्‍ता स्‍वपित्रोः शिशुः।

मृत्‍युर्भोजपतेर्विराडविदुषां तत्‍त्‍वं परं योगिनां, वृष्‍णीनां परदेवतेति विदितो रङ्गं गतः साग्रजः।।

(भाग. 10-43-17)

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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