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प्रादेशिक

लखनऊ में पुलिस ही बनी डकैत, घर में घुसकर लूटे 1.85 करोड़!

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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में एक ऐसी घटना सामने आई है जिससे यूपी पुलिस की साख पर पूरी तरह से बट्टा लगा दिया है। मामला लखनऊ के गोसाईगंज का है यहां थाने का दारोगा, साथी दरोगा व अन्य पुलिसवालों के साथ छापेमारी का धौंस दिखाकर एक बिजनेसमैन के घर में घुसा और 1.85 करोड़ रुपये लूट लिए।

ये पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई है। इस घटना की जानकारी मिलते ही सीनियर अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी दोनों दारोगा को निलंबित कर दिया है। इस मामले में दो दारोगा, मुखबिर समेत 7 लोगों पर डकैती का केस दर्ज किया गया है। पुलिस इन दोनों दारोगा से पूछताछ कर रही है।

पुलिस के मुताबिक गोसाईंगंज थाने का दरोगा आशीष तिवारी, पुलिस लाइंस में तैनात पवन मिश्रा अपने अन्य सहयोगियों के साथ शनिवार सुबह को सरसवां के ओमेक्स सिटी में एक फ्लैट में घुस गए। इस फ्लैट में अंकित नाम के एक व्यापारी रहते हैं। इन अधिकारियों ने कहा कि वे कालेधन की जांच के लिए यहां आए हैं।

तलाशी के दौरान पुलिस को रुपयों से भरा दो बैग और अवैध पिस्टल मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने रुपयों को बैग में भरा और अपने साथ आए एक शख्स को बैग लेकर बाहर चले जाने कहा। अंकित ने कहा कि इस दौरान पुलिसवालों ने उनके साथ मारपीट भी की। इसके बाद पुलिसवालों ने आयकर विभाग को सूचना दे दी।

आयकर विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और रकम बरामद कर ली। आयकर के अधिकारियों ने छापेमारी में बरामद रुपयों को अलग से सील कर दिया। व्यापारी अंकित ने बताया कि उन्होंने अपने फ्लैट में 3.38 करोड़ रुपये रखे थे। यह रकम उन्हें बांदा में अपने खदान पर पहुंचानी थी।

अंकित का आरोप है कि इस रकम में से काफी रुपये पुलिसवालों ने लूट लिए। अंकित के मुताबिक उनके फ्लैट से बरामद हुए रुपये में से 1.85 करोड़ रुपये गायब हैं। केस की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने पुलिसकर्मियों के आवास से 36 लाख रुपये बरामद किये हैं। इस मामले की जांच अभी चल रही है।

उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.

शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई

शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.

फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई

इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.

 

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