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उत्तर प्रदेश

उप्र में लंपी वायरस ने तोड़ा दम, अब तक लगे 1 करोड़ 25 लाख टीके

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Lumpy virus

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालते ही गोवंश संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं। योगी सरकार की ओर से अब तक प्रदेश में 6408 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें 9 लाख से अधिक गोवंश रह रहे हैं। वहीं लंपी वायरस (lumpy virus) से गोवंश को बचाने के लिए प्रदेश भर में युद्धस्तर पर टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है।

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गौरतलब है कि उप्र देश का पहला राज्य है, जिसने लंपी स्किन डिजीज पर अंकुश लगाने के लिए 1.25 करोड़ टीकाकरण का बेंचमार्क छू लिया है। वहीं प्रदेश में रोजाना 4 लाख टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।

1 करोड़ 50 लाख टीकाकरण का रखा गया लक्ष्य 

lumpy virus को नियंत्रित रखने के लिए योगी सरकार ने कई प्रयास किए हैं। एक करोड़ 25 लाख वैक्सीनेशन पूर्ण होने के बावजूद सरकार की ओर से सभी जिलों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत अतिवृष्टि के बीच लंपी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी गांवों में पंचायती राज एवं नगर विकास विभाग के सहयोग से एंटी लार्वल औषधि का छिड़काव करने को कहा गया है।

अतिवृष्टि एवं संभावित बाढ़ के दृष्टिगत सघन निगरानी करने व lumpy virus से प्रभावित गोवंश तथा रोग से मृत गोवंश की सूचना तत्काल मुख्यालय को देनी होगी। अपर मुख्य सचिव, पशुधन, डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश में 1 करोड़ 50 लाख पशुओं का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है।

योगी सरकार के प्रयास से मात्र 31 जिलों में सिमटा लंपी वायरस

यही वजह है कि प्रदेश में लंपी वायरस से प्रभावित पशुओं की संख्या 96 हजार ही है। इनमें से 78 हजार पशुओं का टीकारण किया जा चुका है। योगी सरकार के प्रयास का ही नतीजा है कि प्रदेश में लंपी वायरस केवल 31 जिलों के 5962 गांवों तक ही सीमित रह गया है।

प्रदेश में बनेंगे 2 से 3 हजार गोवंश धारण क्षमता के गोआश्रय स्थल

पशुधन, अपर मुख्य सचिव, डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि प्रदेश में लोगों को गोवंश के प्रति जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। योगी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों को 1.50 लाख गोवंश दिए हैं। योगी सरकार द्वारा स्वीकृत 303 गोसंरक्षण केंद्रों के सापेक्ष 228 केंद्र क्रियाशील हैं जबकि 75 केंद्र निर्माणाधीन हैं जो जल्द ही शुरू हो जाएंगे।

वहीं प्रत्येक विकासखंड में 2 एवं 3 हजार गोवंश धारण क्षमता के गोआश्रय स्थलों की स्थापना का लेआउट तैयार कर लिया गया है। वहीं 2 से 3 हजार गोवंश क्षमता के आश्रय स्थलों के लिए प्रदेश के 24 जिलों से प्रस्ताव भी प्राप्त किए जा चुके हैं।

2 हजार गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल के लिए 27 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, जिस पर करीब 8 करोड़ 33 लाख खर्च होंगे जबकि 3 हजार गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल के लिए 40 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, जिस पर करीब 12 करोड़ 8 लाख का खर्च आएगा।

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उत्तर प्रदेश

दीपोत्सव में झारखंड से दीप जलाने पहुंचेंगे 150 आदिवासी

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अयोध्या। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासनिक खेमे के अलावा डॉ राम मनोहर लोहिया विवि ने भी इस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। इस बार दीपोत्सव कुछ खास ही होने वाला है। इसमें झारखंड के 150 आदिवासी भी दीप जलाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह आदिवासी स्वयंसेवक के रूप में घाटों पर जुटेंगे। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में 2017 से राम की पैड़ी पर दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी। उसके बाद से यहां दीपोत्कीसव के जरिए प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। ऐसे में, इस बार मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीये जलाने का ऐलान किया है जिसके लिए 28 लाख दीपों को सरयू नदी के किनारे तटों पर बिछाया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अयोध्या नगरी को सजाने के काम शुरू कर दिया गया है।

10 हजार स्थानीय नागरिकों को भी मिलेगा मौका

राम की पैड़ी पर इस बार स्थानीय नागरिकों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए वहां पर चौड़े-चौड़े पलेटफॉर्म वाली सीढियां बनाई जा रही हैं, जो बिल्कुल स्टेडियम की तरह है।

बढ़ाई गई घाटों की संख्या, 51 से हुए 55

इस बार दीयो की संख्या बढ़ते ही घाटों की संख्या बढ़ा दी गई है। 51 से 55 कर दिया गया है। चौधरी चरण सिंह व भजन संध्या स्थल व अन्य घाटों को दीप जलाने के लिए शामिल किया गया है। वहीं 90 हजार लीटर सरसो के तेल के प्रयोग होने की बात बताई जा रही है।

40 लाख रुई बाती का होगा इस्तेमाल

दीपोत्सव में दीयो की संख्या बढ़ते ही रुई की बाती का इंतजाम भी किया जाने लगा है। बताया जाता है 40 लाख रुई की बाती लगेगी। स्वयंसेवक 25 से राम की पैड़ी के घाटों पर दीये बिछाने का कार्य शुरू कर देंगे।

और भी भव्य होगा दीपोत्सव

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ एसएस मिश्र ने बताया हमारी तैयारियां तेजी से चल रही है। इस बार श्री राम भव्य महल में विराजमान हुए हैं। इसलिए दीपोत्सव को और भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा।

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