प्रादेशिक
किसानों की आत्महत्या का सीजन शुरू : मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान होकर सात दिन में छह किसानों ने आत्महत्या की
मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह में छह किसानों ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। किसान नेता इन आत्महत्याओं की वजह फसल खरीद में देरी और समय पर भुगतान नहीं होने को बता रहे हैं। आम किसान यूनियन के केदार सिरोही का कहना है कि राज्य में सात दिन में छह किसानों की आत्महत्या करने से साफ है कि किसान परेशान है और सरकार उसकी मदद नहीं कर रही है।
मध्य प्रदेश में बुधवार को नरसिंहपुर जिले के सुआताल थाना क्षेत्र के गुड़वारा गांव में मथुरा प्रसाद (40 वर्ष) ने कर्ज से परेशान होकर जान दे दी। मथुरा प्रसाद पर लगभग ढाई लाख का कर्ज था, जिसे वह चुकाने में असमर्थ था और उसने जहरीला पदार्थ पीकर जान दे दी।
इसी तरह राजगढ़ के खानपुरा थाना क्षेत्र के बोड़ा गांव में बंशीलाल अहिरवार (80 वर्ष) ने फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी। बुधवार को बंशीलाल ने आत्महत्या की। इसी तरह बुरहानपुर में एक किसान ने कर्ज चुकाने के एवज में अपने बेटे को गिरवी रखा और जब वह कर्ज चुकाकर बच्चे को नहीं छुड़ा पाया तो उसने आत्महत्या कर ली।
धार के बदनावर में भी एक किसान जगदीश (40 वर्ष) ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उज्जैन के कडोदिया में किसान राधेश्याम और रतलाम में एक किसान ने जान दी है।
आम किसान यूनियन के केदार सिरोही का कहना है कि राज्य में सात दिन में छह किसानों की आत्महत्या करने से साफ है कि किसान परेशान है और सरकार उसकी मदद नहीं कर रही है। वह आगे कहते हैं कि किसान कई दिनों तक मंडी में उपज लिए खड़े रहते हैं और खरीद नहीं होती। यदि खरीद हो जाए तो भुगतान में कई सप्ताह लग जाते हैं।
सिरोही के अनुसार, एक तरफ किसान की उपज कम हुई है तो वहीं उस पर कर्ज बढ़ा है। किसान पर सहकारी समितियों से लेकर साहूकारों तक का दवाब है। किसान ने कर्ज लेकर बेटी की शादी की है तो किसी ने दूसरे सामाजिक काम निपटाए हैं।
इनपुट आईएएनएस
उत्तर प्रदेश
ब्रज क्षेत्र के विकास पर सीएम योगी का फोकस, वृंदावन बाईपास से स्थानीय व्यापार और उद्योग को मिलेगी रफ्तार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। योगी सरकार की विकासोन्मुखी प्रयासों को देखते हुए केंद्र सरकार भी यूपी में विकास में सहयोग करने से पीछे नहीं है। वृंदावन में 16.75 किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण, पीएम गति शक्ति पहल के तहत प्रस्तावित है। इस परियोजना से जहां श्रद्धालुओं के लिए बांके बिहारी के दर्शन आसान होंगे, वहीं व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। नई दिल्ली में आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 81वीं बैठक में प्रस्तावित वृंदावन बाईपास के निर्माण और उससे वृंदावन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियतों की समीक्षा की गई।
यूपी में बुनियादी ढांचे में तेजी से विकास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के विकास को लेकर विशेष रूप से सक्रिय हैं। उनके नेतृत्व में राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों का नवीनीकरण और विकास तेजी से हो रहा है। योगी सरकार की इस दिशा में की गई पहल से न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि इन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में भी व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। प्रदेश में बुनियादी ढांचे का विस्तार तीव्र गति से हो रहा है। पिछले सात सालों में योगी सरकार की नीतियों और विकास योजनाओं ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत किया है।
श्रद्धालुओं को मिलेगी सहूलियत
बांके बिहारी के दर्शन के लिए हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण वृंदावन में जाम की समस्या विकराल हो गई है। प्रस्तावित वृंदावन बाईपास का निर्माण इस समस्या का समाधान करेगा। इसके चलते श्रद्धालुओं को बांके बिहारी के दर्शन करने में आसानी होगी और यात्रा का समय भी कम होगा।
वृंदावन बाईपास से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
वृंदावन बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ते हुए क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। इस बाईपास के माध्यम से यात्रा का समय, जो पहले डेढ़ घंटे का था, सिर्फ 15 मिनट रह जाएगा। इसके साथ ही यह परियोजना वृंदावन में यातायात दबाव को कम करेगी, जिससे पर्यटन और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका
वृंदावन बाईपास परियोजना का मुख्य उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाना और क्षेत्रीय विकास को गति देना है। इससे परिवहन चुनौतियों में कमी आएगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। बाईपास से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय व्यापार में तेजी आएगी। इसके साथ ही, क्षेत्रीय विकास और औद्योगिक गतिविधियों को भी नया बल मिलेगा। वृंदावन बाईपास से वृंदावन में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी, साथ ही व्यापार और उद्योग को भी नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना प्रदेश के विकास के नए आयाम स्थापित करेगी और उत्तर प्रदेश को समृद्धि और प्रगति की ओर ले जाएगी।
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