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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025: विदेशी मीडिया ने जानी दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की भव्यता

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नई दिल्ली। प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ 2025 की भव्यता और महत्व को लेकर योगी सरकार देश-विदेश में व्यापक प्रचार अभियान में जुटी है। इसी कड़ी में सोमवार को नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय “जवाहर लाल नेहरू भवन” में विदेशी मीडिया के समक्ष महाकुम्भ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया। प्रयागराज में आयोजित हो रहे विश्व के सबसे बड़े आयोजन को धर्म, संस्कृति और आत्म-खोज के प्रतीक के रूप में बताया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों ने विदेशी मीडिया को महाकुम्भ की भव्यता की जानकारी दी।

महाकुम्भ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व डाला प्रकाश

विदेश मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विदेशी मीडिया के समक्ष जानकारी देते हुए बताया गया कि महाकुम्भ 2025 मानवता के इतिहास में सबसे बड़े आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समागमों में से एक है। यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित हो रहा है। इसकी पौराणिक जड़ें समुद्र मंथन की कथा से जुड़ी हैं, जिसमें अमृत कलश से चार पवित्र स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में अमृत की बूंदें गिरी थीं। महाकुम्भ का स्नान आत्मा की शुद्धि और आत्मज्ञान का प्रतीक माना जाता है।

15 लाख विदेशी श्रद्धालुओं के महाकुम्भ आने का अनुमान

सरकार के आंकलन के अनुसार, इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है, जिनमें करीब 15 लाख विदेशी पर्यटक भी होंगे। 2019 के कुंभ मेले में 25 करोड़ लोग शामिल हुए थे। यह आयोजन विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोगों को एक साथ लाकर एकता और समानता का संदेश दे रहा है।

दुनिया में आयोजित होने वाले अन्य धार्मिक आयोजनों से वृहद है महाकुम्भ 2025

विदेशी मीडिया के समक्ष योगी सरकार के अधिकारियों ने बताया कि महाकुम्भ 2025 के श्रद्धालुओं की संख्या अन्य बड़े वैश्विक आयोजनों से कहीं अधिक होगी। विश्व के बड़े आयोजन जैसे रियो कार्निवल में लगभग 70 लाख, हज में 25 लाख और ओक्टोबरफेस्ट में 72 लाख लोग शामिल होते हैं। वहीं महाकुम्भ 2025 में 45 करोड़ लोगों का आगमन इस महाआयोजन की वृहदता और इसकी वैश्विक महत्ता को दर्शाता है।

आर्थिक और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा महाकुम्भ

अधिकारियों के अनुसार, महाकुम्भ 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देगा। इससे अनुमानित व्यापार ₹2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी में 1% से अधिक की वृद्धि का भी अनुमान है। दैनिक आवश्यक वस्तुओं का कारोबार ₹17,310 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जबकि होटल और यात्रा सेवाओं में ₹2,800 करोड़ का व्यापार होगा। धार्मिक सामग्री और फूलों का कारोबार क्रमशः ₹2,000 करोड़ और ₹800 करोड़ तक हो सकता है।

प्रयागराज का कायाकल्प और बुनियादी ढांचे का विकास

अधिकारियों ने बताया कि महाकुम्भ को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयागराज में व्यापक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है। इसमें 14 नए फ्लाईओवर और अंडरपास, 9 स्थायी घाट, 7 नई बस स्टेशन और 12 किलोमीटर अस्थायी घाट शामिल हैं। सुरक्षा के लिए 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड और 2,750 एआई-आधारित सीसीटीवी कैमरे तैनात किए गये हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में 6,000 बेड, 43 अस्पताल और एयर एंबुलेंस की व्यवस्था है। स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 10,200 सफाईकर्मी और 1,800 गंगा सेवादूत तैनात हैं।

किन्नर अखाड़ा सहित महाकुम्भ 2025 में 13 अखाड़ों की भागीदारी

महाकुम्भ 2025 में 13 अखाड़ों की भागीदारी हो रही है, जिनमें किन्नर अखाड़ा और महिलाओं के अखाड़े सहित दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा शामिल हैं। ये अखाड़े लिंग समानता और प्रगतिशील दृष्टिकोण का प्रतीक हैं। यह आयोजन जाति, धर्म और सांस्कृतिक विविधता के बीच एकता को बढ़ावा दे रहा है। महाकुम्भ 2025 न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक समृद्धि को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक बड़ा मंच भी है। इस दौरान प्रयागराज महाकुम्भ को कवर करने वाली विदेशी मीडिया को होने वाली समस्याओं का निराकरण तथा प्रयागराज संगम तक पहुंचाने के लिए दी जाने वाली सहायताओं का भी आश्वासन दिया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी संजीव सिंह, सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी, यूपी के सूचना निदेशक शिशिर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव रणधीर जयसवाल भी मौजूद थे।

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संक्रमित व्यक्ति का उपचार संभव है, लेकिन संक्रमित सोच का उपचार नहीं: मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ को लेकर विपक्ष के आरोपों पर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष निरंतर महाकुम्भ के आयोजन को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है, जबकि यह आयोजन सनातन संस्कृति का गौरव है। सीएम योगी ने विपक्ष के बयानों को सदन में पढ़कर सुनाया और उन्हें कठघरे में खड़ा किया। सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार महाकुम्भ को ऐतिहासिक बनाने के लिए कृतसंकल्प है। विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने साफ कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है और इसे भव्य रूप से मनाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

विपक्ष की भाषा सभ्य समाज के अनुकूल नहीं- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष जिस भाषा का प्रयोग कर रहा है, वह किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देती। उन्होंने समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ये लोग महाकुम्भ जैसे आयोजन की भव्यता पर सवाल उठाते हैं और समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही महाकुम्भ का विरोध कर रहा है। अगर वे वास्तव में जनता के हितैषी होते तो इस आयोजन पर चर्चा के लिए सदन में उपस्थित रहते, लेकिन उन्होंने सदन को बाधित किया। जैसे ही महाकुम्भ शुरू हुआ, इन्होंने अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया।

महाकुम्भ पर दुष्प्रचार और झूठी अफवाह फैला रहा विपक्ष- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष के नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने महाकुम्भ को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इसे धन की बर्बादी तक करार दिया। उन्होंने विपक्ष के नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनके संस्कार और मानसिकता को दर्शाता है। सीएम योगी ने कहा कि किसी भी सभ्य समिति के लिए वह भाषा शोभा नहीं देती है। आप लोगों के अपने संस्कार हो सकते हैं, आप लोगों का अपना व्यवहार हो सकता है, लेकिन कोई सभ्य समाज और कोई सभ्य समिति कभी भी उसको मानता नहीं दे सकती है उन्होंने कहा कि महाकुम्भ कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि यह वैदिक परंपरा से चला आ रहा है। ऋग्वेद, अथर्ववेद और श्रीमद्भागवत महापुराण में भी इसका उल्लेख है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसे संकीर्ण राजनीतिक नजरिए से देखना अनुचित है। सीएम योगी ने कहा कि जैसे ही महाकुम्भ का आयोजन शुरू हुआ विपक्ष द्वारा अफवाह और दुष्प्रचार किया जाने लगा।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महाकुंभ आयोजन के पहले इस बारे में कहना शुरू किया कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की आवश्यकता क्या है। उनका बयान है कि “हमारी सरकार से अपील है कि बहुत सारे बुजुर्ग जो 65 से 65 साल से और 70 साल से ऊपर के हैं स्नान नहीं कर पाए हैं”, उसके बाद फिर उनके बयान आए। सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भगदड़ में हजारों लोग मारने वाले बयान, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा महाकुम्भ को मृत्युकुम्भ कहे जाने के बयान का जिक्र करते हुए उसकी आलोचना की। सीएम योगी ने कहा कि जया बच्चन कहती हैं कि शवों को गंगा में बहा दिया गया, लालू यादव कहते हैं फालतू है महाकुम्भ। इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना बयान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आरजेडी और टीएमसी के नेताओं के द्वारा सनातन धर्म के जुड़े हुए सबसे बड़े आयोजन के प्रति दिए गए हैं।

महाकुम्भ के भव्य आयोजन के प्रति प्रतिबद्ध है सरकार- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ को भव्य बनाने के लिए सरकार ने हरसंभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराना है। प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हम इसे ऐतिहासिक बना रहे हैं और इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग शुरू में महाकुम्भ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि 2013 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब इनके नेताओं को प्रयागराज जाने से रोका गया था, लेकिन इस बार वे खुद वहां गए और हमारे द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा भी की।

सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि कुछ विपक्षी नेता महाकुम्भ को ‘मृत्यु कुंभ’ बताकर सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि यह सनातन आस्था पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म भारत की आत्मा है और इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमारी सरकार इस परंपरा को भव्यता देने के लिए कृतसंकल्प है।” उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सुरक्षा ही विश्व मानवता की सुरक्षा की गारंटी है। प्रयागराज महाकुम्भ में हर जाति, मत और मजहब के लोग श्रद्धा के साथ पहुंचे हैं। जब क्रिकेटर मोहम्मद शमी तक ने स्नान किया, तो विपक्षी नेता इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?

सीएम योगी ने अयोध्या और राम मंदिर विरोध पर भी विपक्ष को घेरा

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष महाकुम्भ ही नहीं, बल्कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी विरोध करता रहा है। उन्होंने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से राम जन्मभूमि पर फैसला दिया, तब भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे दलों ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला विराजमान हुए, तब भी यही लोग विरोध कर रहे थे। जब हमने प्रस्ताव दिया कि सभी विधायक अयोध्या दर्शन के लिए जाएं, तब समाजवादी पार्टी ने वॉकआउट कर दिया।

डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का परसेप्शन बदला- योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की छवि नकारात्मक थी, लेकिन डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का परसेप्शन बदला है। उन्होंने कहा कि आज यूपी की छवि विकास, कानून व्यवस्था और संस्कृति के संरक्षण के लिए जानी जाती है। महाकुम्भ इसका एक बड़ा उदाहरण है। दुनिया हमें सम्मान की नजरों से देख रही है। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि जो लोग महाकुम्भ का विरोध कर रहे हैं, वे अपनी सोच बदलें। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति का उपचार संभव है, लेकिन संक्रमित सोच का उपचार नहीं किया जा सकता। हमें गर्व है कि यह भव्य आयोजन हमारी सरकार के नेतृत्व में हो रहा है और हम इसे पूरी निष्ठा के साथ संपन्न करेंगे।

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