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मन की बात में बोले पीएम मोदी, कोरोना काल में लोग संयम के साथ त्योहार मना रहे

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात 2.0 की 17वीं कड़ी में देशवासियों को दशहरे के पर्व की शुभकामाएं दी। उन्होंने कहा कि दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। लेकिन, साथ ही, ये एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सावधानियों के साथ त्योहार मनाने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज, आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए, जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है। पहले, दुर्गा पंडाल में, मां के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी- एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हो पाया।”

मोदी ने कहा, “पहले, दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरूप भी अलग ही है। रामलीला का त्योहार भी, उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी कुछ-न-कुछ पाबंदियां लगी हैं। पहले, नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ छाई रहती थी, इस बार, बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “अभी, आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं। अभी ईद है, शरद पूर्णिमा है, वाल्मीकि जयंती है, फिर, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा है, गुरु नानक देव जी की जयंती है- कोरोना के इस संकट काल में, हमें संयम से ही काम लेना है, मर्यादा में ही रहना है।”

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पाँच भाषाओं को मिलेगा शास्त्रीय भाषा का दर्जा, पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर सभी को दी बधाई

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नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन हुआ है। इस दौरान भारतीय भाषाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने पाँच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है।सरकार ने बांग्ला, पाली, प्राकृत, मराठी और असमिया को क्लासिकल लैंग्वेज के लिस्ट में शामिल किया है। तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओड़िया को पहले से शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।

पीएम मोदी ने सभी को बधाई देते हुए सोशल मीडिया “X” पर कहा, “हमारी सरकार भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को सँजोती है। उसका जश्न भी मनाती है। हम क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपने वादे पर भी अटल रहें। मुझे बेहद प्रसन्नता है कि मंत्रिमंडल ने असमिया, मराठी, बंगाली,पाली और प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दजा देने का निर्णय लिया। इनमें से हर एक भाषा सुंदर है और हमारी जीवंत विविधता को उजागर करती है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक्स पर साझा की जानकारी

मोदी जी के नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट ने पाली और प्राकृत भाषाओं को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देकर सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण-संवर्द्धन के संकल्प के प्रति कटिबद्धता को दर्शाया है।पाली और प्राकृत हमारे विस्तृत इतिहास, दर्शन, अध्यात्म और हजारों वर्ष पुरानी ज्ञान परंपरा की भाषाएँ हैं। मोदी जी के इस निर्णय से इन भाषाओं के अध्ययन और अनुसंधान को और भी गति मिलेगी, और ये भाषाएँ एक बार फिर विश्व भाषा की प्रतिष्ठा प्राप्त कर भारतीय ज्ञान परंपरा को दुनिया भर में ले जाने का माध्यम बनेंगी।

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