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आध्यात्म

मंगल का सिंह राशि में प्रवेश, जानिए किसका होगा ‘मंगल’ व किन्हें रहना है सतर्क

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mars enters leo 2023

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नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार बल और बुद्धि के कारक ग्रह मंगल आज 01 जुलाई को सुबह 02:37 पर सिंह राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इस गोचर का प्रभाव 18 अगस्त शाम 04:12 तक रहेगा, इसके बाद मंगल सिंह से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।

बता दें कि मंगल गोचर का प्रभाव सभी राशि 12 राशियों पर पड़ेगा। इस दौरान कुछ राशियों को सुख और समृद्धि के क्षेत्र में लाभ मिलेगा। वहीं कुछ जातकों को आर्थिक क्षेत्र में हानि का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं, मंगल गोचर से किन-किन राशियों को लाभ होगा और किन्हें सतर्क रहना होगा।

मेष राशि

मंगल गोचर मेष राशि के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। इस दौरान कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। वहीं प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रहे छात्रों को शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं।

वृषभ राशि

मंगल गोचर के प्रभाव से वृषभ राशि के जातकों को षड्यंत्र का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान सेहत संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न होंगी। इसलिए खान-पान का ध्यान रखें। वैवाहिक जीवन में भी परेशानी उत्पन्न होने के योग बन रहे हैं। वाद-विवाद से दूर रहें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल गोचर सिद्ध साबित हो रहा है। इस दौरान साहस और पराक्रम में वृद्धि की संभावना है। साथ ही शत्रु पर विजय प्राप्ति होगी। पदोन्नति के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार एवं व्यवसाय में लाभ मिल सकता है।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को मंगल गोचर की अवधि में सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्रोध और वाणी पर संयम रखें। वाहन चलाते समय भी अधिक सतर्कता बरतें, दुर्घटना होने की आशंका है। दांपत्य जीवन में भी कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए खुद को वाद-विवाद की स्थिति से दूर रखें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों को मंगल गोचर का मिलाजुला फल प्राप्त होगा। इस दौरान मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है। लेकिन धन और दाम्पत्य जीवन में तनाव बना रहेगा। किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करना नुक्सानदेह हो सकता है। इस दौरन जातक मकान, वाहन इत्यादि की खरीदारी कर सकते हैं।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए यह समय सतर्कता बरतने वाला है। जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और हाल-फिलहाल में नए कार्य के विषय में विचार ना करें। मेहनत के बावजूद पदोन्नति न मिलने से विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए वाणी पर संयम रखें।

तुला राशि

मंगल गोचर तुला राशि के लिए शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान व्यवसाय में लाभ की संभावना अधिक है। साथ ही न्यायिक मामलों में सफलता प्राप्त हो सकती है। पदोन्नति के भी संकेत मिल रहे हैं। निवेश किए गए धन से लाभ प्राप्त हो सकता है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए समय अच्छा माना जा रहा है। इस दौरान कठिन कार्य सरलता से संपन्न होंगे। साथ ही पदोन्नति के योग बन रहे हैं, जिससे आय और मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी। दांपत्य जीवन में भी खुशहाली आ सकती है। घर में मांगलिक कार्य का आयोजन भी हो सकता है।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए यह समय बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दौरान पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद में सफलता मिलने से तनाव दूर होगा। साथ ही नया मकान या वाहन की खरीदारी कर सकते हैं। विदेश में शिक्षा का सपना देख रहे छात्र भी सफलता हासिल कर सकते हैं। व्यवसाय एवं व्यापार में लाभ मिलने की संभावना अधिक है।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए यह समय सतर्कता बरतने वाला है। इस दौरान वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, दुर्घटना होने की आशंका है। साथ ही धन का लेनदेन भी सोच समझ कर करें। आप यदि कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो किसी जानकार से सलाह अवश्य लें। वाणी पर संयम रखें और वाद-विवाद से दूर रहें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए समय अनुकूल है। साथ ही इस दौरन पदोन्नति के भी अवसर प्राप्त हो सकते हैं। लेकिन जीवनसाथी का विशेष ध्यान रखें, उनकी सेहत में उतार-चढ़ाव हो सकता है शिक्षा से जुड़े विदेश यात्रा पर छात्र जा सकते हैं। वाद-विवाद के दौरन संयम रखें।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए यह समय लाभदायक साबित हो सकता है। इस दौरन कार्यक्षेत्र में पदोन्नति के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही परिवार में भी खुशी का वातावरण रहेगा। विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं। साथ ही समाज में मान-सम्मान में बढ़ोतरी हो सकती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित जानकारी की सटीकता का हमारा दावा नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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