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उत्तर प्रदेश

मथुरा: ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान, हिंदू महासभा के पदाधिकारी नजरबंद

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Idgah mosque Mathura

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मथुरा। आज छह दिसंबर को शाही मस्जिद ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ और लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषणा के बाद सतर्क पुलिस प्रशासन ने अब पदाधिकारियों की धरपकड़ शुरू कर दी है।

प्रदेश प्रवक्ता संजय हरियाणा समेत पांच पदाधिकारियों को घरों में नजरबंद किया गया है। चार को हिरासत में लेकर थाने पर बैठाया गया। पुलिस की सक्रियता देख कई पदाधिकारी भूमिगत हो गए हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को अपराह्न 12 बजे वह गुपचुप तरीके से ईदगाह पहुंचेंगे।

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सोमवार को मथुरा पहुंचने का दावा

महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी के भी मथुरा सोमवार को मथुरा पहुंचने का दावा किया गया है, हालांकि उनके बारे में बाकी जानकारी गोपनीय रखी गई है। महासभा की घोषणा के बाद शाही मस्जिद ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मस्थान जाने वाले सभी मार्गों पर पुलिस तैनात कर दी गई है। चार जोन, आठ सेक्टर में बंटे इलाके में मंगलवार सुबह आठ बजे से डीग गेट और मसानी के साथ ही हाईवे से जन्मस्थान जाने वाले मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया।

कांवड़ लेकर जा रहा महासभा पदाधिकारी हिरासत में

छह दिसंबर को शाही मस्जिद ईदगाह पर हनुमान चालीसा पाठ करने के अखिल भारत हिंदू महासभा के आह्वान पर पूरा जिला अलर्ट कर दिया है। ईदगाह आने जाने वाले रास्तों पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। सुबह कांवड़ में गंगा जल लेकर जा रहे महासभा के आगरा जिला प्रभारी सौरभ शर्मा को पुलिस ने भूतेश्वर चौराहा से हिरासत में ले लिया। वह जन्मस्थान की ओर का रहे थे। उन्हें कोतवाली में बैठा लिया गया है।

देर रात छोड़े गए प्रदेश प्रवक्ता

रविवार को दिन भर कोतवाली में बैठाए गए प्रदेश प्रवक्ता संजय हरियाणा को देर रात घर छोड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें घर पर ही नजर बंद कर लिया। वहीं गोवर्धन में सौरभ लंबरदार, धीरज कौशिक को घर पर नजरबंद किया गया है। जिलाध्यक्ष छाया गौतम ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल और अलीगढ़ की जिलाध्यक्ष गौरी पाठक को उनके आवासों पर ही वहां की पुलिस ने नजरबंद कर लिया है।

वृंदावन और हाईवे थाने क्षेत्र में तीन पदाधिकारियों को पुलिस ने बैठा लिया है। कई पदाधिकारियों के घरों पर सोमवार को दिन में कई बार पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगे। जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि हम सभी गुपचुप तरीके से तय स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसलिए पदाधिकारी अपनी तैयारी कर रहे हैं।

केवल जरूरी वाहनों को ही जाने की अनुमति

ईदगाह और जन्मस्थान जाने वाले सभी मार्गों पर मंगलवार सुबह आठ बजे से बुधवार भोर तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि केवल एंबुलेंस, स्कूल वाहन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को ही इधर से गुजरने की अनुमति होगी।

एसएसपी ने संवेदनशील स्थानों पर की पैदल गश्त

एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल के साथ पैदल गश्त की। उन्होंने गोकुल रेस्टोरेंट से मसानी होते हुए डीग गेट तक गश्त की। इस दौरान संदिग्ध वाहनों की तलाशी भी ली गई।

पेशी पर नहीं पहुंचे पदाधिकारी, पांच को नोटिस

छह दिसंबर को लेकर शांतिभंग में पाबंद किए गए महासभा पदाधिकारियों की पांच दिसंबर को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में पेशी थी। लेकिन हिरासत में लिए जाने के कारण पदाधिकारी पेशी पर नहीं पहुंचे। प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि सभी ने अपनी हाजिरी माफी लगाई है। उन्होंने कहा कि जब कई लोगों को नजरबंद कर लिया गया है, ऐसे में वह पेशी पर कैसे पहुंच सकते हैं।

अब छह दिसंबर को फिर न्यायालय ने उपस्थित होने के लिए तिथि नियत की है। मंगलवार को आनंदपुरी निवासी नीरज गौतम, कृष्णा नगर निवासी मनीषा ठाकुर, कृष्णा विहार निवासी कन्हैया, रामप्रकाश और चंदनवन निवासी रूपा लवानिया को शांति भंग में पाबंद कर नोटिस जारी किया गया है।

साढ़े 11 बजे एकत्र होंगे पदाधिकारी

महासभा के प्रदेश प्रवक्ता संजय हरियाणा ने बताया कि महासभा के सभी पदाधिकारी मथुरा पहुंच चुके हैं। ये सभी ईदगाह के पास ही 11 बजे के आसपास पहुंचने लगेंगे। फिर ईदगाह के लिए कूच करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी स्थान को गोपनीय रखा गया है लेकिन ईदगाह के आसपास ही होगा।

हनुमान चालीस का पाठ नहीं, तो करूंगा आत्मदाह

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने सोमवार को एक बयान जारी कर रहा है कि बड़ी संख्या में पूरे देश से सनातनी मथुरा पहुंच चुके हैं। जन्मभूमि के आसपास होटलों में नहीं ठहरने दिया जा रहा है। अगर हम हनुमान चालीसा का पाठ भगवान श्रीकृष्ण के मूल गर्भगृह में नहीं करेंगे तो कहां करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मुझे हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करने दिया गया, तो मैं कल ही आत्मदाह कर लूंगा।

सरकार भी रख रही मामले पर नजर

शाही मस्जिद ईदगाह के आसपास कोई पहुंच न पाए, इसके लिए उसके बाहर बेरिकेडिंग की गई है। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है। सोमवार को दिन भर ईदगाह के बाहर बेरिकेडिंग का काम चलता रहा।

उधर, सरकार भी पूरे मामले पर नजर रखे है। बीते वर्ष भी छह दिसंबर को अखिल भारत हिंदू महासभा ने शाही मस्जिद ईदगाह में लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की घोषणा की थी, इसे लेकर पुलिस ने चौकसी बरती। बीते वर्ष नमाज पढ़ने वालों को आइडी कार्ड देखकर ही प्रवेश दिया गया था।

पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी

अलग-अलग स्थानों पर ड्रोन लेकर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। डीग गेट, मसानी, श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह के बाहर ड्रोन कैमरे उड़ाए जाएंगे। प्रदेश सरकार भी पूरे मामले पर नजर रखे हैं। सूत्रों का कहना है कि शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बाबत अधिकारियों से वार्ता की। उनसे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी ली गई।

होटलों की तलाशी, हर संदिग्ध से पूछताछ

अखिल भारत हिंदू महासभा के कुछ पदाधिकारियों के बाहर से आने की सूचना थी, ऐसे में पुलिस ने सतर्कता बरती। शाही मस्जिद ईदगाह के आसपास स्थित होटलों के अलावा आसपास कुछ दूर स्थित होटलों में लोगों के बारे में जानकारी की। जो लोग यहां ठहरे हैं, उनके बारे में भी जांच पड़ताल की गई। जो भी संदिग्ध दिखे, उनके आइडी कार्ड देखने के साथ ही उनसे पूछताछ की गई।

स्टेशन पर बढ़ाई गई सुरक्षा

छह दिसंबर को लेकर जंक्शन रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जीआरपी और आरपीएफ की टीम गश्त कर रही हैं। संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।जीआरपी और आरपीएफ के जवान प्लेटफार्म, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हाल, लाइन पर लगातार गश्त कर रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक विकास सक्सेना ने बताया कि छह दिसंबर के मद्देनजर जंक्शन की सुरक्षा बढ़ाई गई है। तीनों प्रवेश द्वार पर जवान तैनात कर दिए गए हैं। ट्रेनों में चेकिंग कराई जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

क्रॉप कटिंग के माध्यम खरीफ की फसलों की उत्पादकता पर योगी सरकार की पैनी नजर

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लखनऊ। किसानों के जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने और उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार खरीफ फसलों की उत्पादकता का वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके से आकलन कर रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत क्रॉप कटिंग प्रयोग (सीसीई) के माध्यम से उत्पादकता मापने और किसानों की क्षति का आकलन कर उन्हें समय पर बीमा लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है।

सीसीई एग्री ऐप से अब तक हुए 2.45 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग, जीसीईएस ऐप से 11,374 प्रयोग पूरे

इस साल खरीफ के मौसम में सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से 3 लाख से अधिक क्रॉप कटिंग प्रयोग के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं जिसमें अब तक 2.45 लाख प्रयोग पूरे किए जा चुके हैं। यह कृषि उत्पादन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अतिरिक्त, जीसीईएस ऐप के जरिए 13,654 क्रॉप कटिंग प्रयोग के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 11,374 प्रयोग पूरे हो चुके हैं। यह प्रक्रिया न केवल फसलों की उत्पादकता का आकलन करती है बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि फसल बीमा योजना के तहत किसानों को क्षतिपूर्ति जल्द और सटीक तरीके से प्राप्त हो।

आधुनिक तकनीकों के उपयोग से किसानों को हो रहा लाभ

सीसीई एग्री ऐप और जीसीईएस ऐप जैसे अत्याधुनिक उपकरण फसल कटाई प्रक्रिया को न केवल तेज बल्कि प्रभावी भी बनाते हैं। यह ऐप्स फसल की स्थिति, उत्पादन क्षमता और संभावित क्षति का सटीक डेटा उपलब्ध कराते हैं, जिससे बीमा कंपनियों को सही जानकारी मिलती है और किसानों को समय पर मुआवजा मिलना सुनिश्चित होता है।
खरीफ मौसम में 10 फसलों को इस योजना में शामिल किया गया है। जिसमें, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उर्द, मींग, तिल, मूंगफली,सोयबीन व अरहर शामिल हैं। क्रॉप कटिंग प्रयोगों के माध्यम से इन फसलों की उत्पादकता का सटीक आकलन किया जा रहा है। यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है बल्कि कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रदेश को अग्रणी बना रही है।

किसानों को खराब फसल की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने में मददगार है यह प्रयोग

क्रॉप कटिंग या फसल कटाई के प्रयोग द्वारा फसल की औसत पैदावार निकाली जाती है। क्रॉप कटिंग आधार पर ही जनपदों के कृषि उत्पादन के आंकड़े तैयार करके शासन को भेजे जाते हैं। क्रॉप कटिंग के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फसल बीमा धारक किसान को नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। कृषि विभाग सभी जनपदों के समस्त क्षेत्रों के क्रॉप कटिंग आंकड़ों का औसत निकालकर शासन को भेजता है। इसके आधार पर ही जनपद में विभिन्न फसलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता का निर्धारण किया जाता है। योगी सरकार आंकड़ों की शुद्धता के लिए 15% अनिवार्य निरीक्षण के लिए जनपद में कृषि, राजस्व एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नामित किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश में इम्पैनल्ड बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी 30% क्राप-कटिंग प्रयोगों का सह अवलोकन कराया जा रहा है।

क्रॉप कटिंग के जरिए प्राप्त आंकड़ों का उपयोग पीएमएफबीवाई के तहत सरकार प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति देती है। इस योजना के तहत, फसल क्षति होने पर किसानों को संबंधित बीमा कंपनियों से मुआवजा मिलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया है।

किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा क्रॉप कटिंग प्रयोग

प्रदेश में कृषि क्षेत्र पर बड़ी संख्या में लोगों की निर्भरता है। योगी सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि फसलों की क्षति की स्थिति में किसान किसी भी आर्थिक संकट से बच सकें। इसके लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा रैंडमली ऑनलाइन चयनित गांव के एक खेत में समबाहु त्रिभुज के प्रति 10 मीटर भुजा वाले क्षेत्र के अंतर्गत फसल की कटाई एवं उससे प्राप्त अनाज का वजन किया जाता है। उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों से क्रॉप कटिंग प्रयोगों के सम्पादन की समीक्षा की जाती है। क्रॉप कटिंग प्रयोगों का यह विस्तृत नेटवर्क न केवल किसानों को राहत प्रदान कर रहा है बल्कि कृषि उत्पादकता के उन्नयन और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायक साबित हो रहा है।

योजनाओं में किसानों की व्यापक सहभागिता सुनिश्चित कर रही योगी सरकार

जन हितैषी और किसान केंद्रित योजनाओं में केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही योगी सरकार की इस पहल के तहत किसानों, कृषि विभाग और बीमा कंपनियों के बीच तालमेल को बेहतर बनाया गया है। फसलों के उत्पादन और नुकसान के आंकड़े अब केवल कागजी प्रक्रिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका डिजिटलीकरण किया गया है। यह प्रक्रिया योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने में सहायक है। सीसीई की पारंपरिक पद्धति उपज घटक पद्धति पर आधारित है जहां अध्ययन के तहत कुल क्षेत्र के यादृच्छिक नमूने के आधार पर विशिष्ट स्थानों का चयन किया जाता है। एक बार भूखंडों का चयन हो जाने के बाद, इन भूखंडों के एक भाग से उत्पादन काटा जाता है और बायोमास वजन, अनाज वजन, नमी और अन्य सांकेतिक कारकों जैसे कई मापदंडों के लिए विश्लेषण किया जाता है। इस अध्ययन से एकत्र किए गए डेटा को पूरे क्षेत्र में एक्सट्रपलेशन किया गया है और अध्ययन के तहत राज्य या क्षेत्र की औसत उपज का अनुमानित मूल्यांकन प्रदान करता है।

कृषि उत्पादकता के आकलन की यह प्रणाली किसानों और बीमा कंपनियों के बीच विश्वास को बढ़ावा दे रही है। आने वाले समय में, उत्तर प्रदेश की सरकार इस मॉडल को और भी मजबूत बनाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में किसान हितैषी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल कृषि क्षेत्र का विकास हो रहा है, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी गति मिल रही है।

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