मुख्य समाचार
मानसूत्र सत्र में जीएसटी विधेयक पारित कराने के प्रयास करेंगे : नायडू
नई दिल्ली| केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि सरकार की कोशिश 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित कराने की होगी। मानसून सत्र 12 अगस्त को समाप्त होगा। नायडू ने कहा, “हमने संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने बैठक की अध्यक्षता की। हम सभी जीएसटी को संसद के मानसून सत्र में लाने के पक्ष में हैं।”
उन्होंने बैठक के बाद कहा, “इस मुद्दे पर आम सहमति है। कुछ चिंताएं भी हैं। मैं खुद और वित्त मंत्री (अरुण जेटली) भी राजनीतिक दलों से बात करेंगे। प्रधानमंत्री भी पहले ही कह चुके हैं कि वह राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण विधेयक है और हमें उमीद है कि यह मानसून सत्र में पारित हो जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि जीएसटी विधेयक के पारित नहीं हो पाने से गरीबों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद में राजनीतिक दलों के बदले गणित से इसका मार्ग प्रशस्त होगा।
जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस के विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “केवल एक समूह है, जिसने इसे मुद्दा बना लिया है। अब जिस तरह का गणित बना है, वह काम कर रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह फैसला गरीबों के हित में होगा।”
अन्तर्राष्ट्रीय
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की ओर से आयोजित दिवाली समारोह पर परोसा गया शराब, हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक दृष्टि से अनुचित बताया
नई दिल्ली। ब्रिटेन के कुछ हिंदू संगठनों ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की ओर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर आयोजित दिवाली समारोह को लेकर नाराजगी जताई है। जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में कथित तौर पर मांसाहारी व्यंजन और शराब भी परोसी गई। हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक दृष्टि से अनुचित बताया है।
हिंदू ने किया विरोध
सामुदायिक संगठन ‘इनसाइट यूके’ ने हिंदू त्योहार के आध्यात्मिक पहलू की ‘‘समझ की भयावह कमी’’ पर सवाल उठाया, जबकि अन्य लोगों ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से पहले व्यापक संवाद करने की आवश्यकता होती है। ‘इनसाइट यूके’ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिवाली सिर्फ त्योहार नहीं है, बल्कि इसके गहरे धार्मिक मायने भी हैं। दिवाली का पवित्र त्योहार पवित्रता और भक्ति पर जोर देता है। इसलिए दिवाली पर पारंपरिक रूप से शाकाहारी भोजन परोसा जाता है और शराब के सेवन से सख्त परहेज किया जाता है।’’ संगठन ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री की ओर से आयोजित दिवाली भोज के लिए जो व्यंजन चुने गए, वे अपने आप में दिवाली के त्योहार से जुड़ी धार्मिक परंपराओं के प्रति समझ या सम्मान की भयावह कमी को दर्शाते हैं
ऋषि सुनक की दिवाली पार्टी
एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा गया है कि मेनू का चयन दिवाली से जुड़ी धार्मिक परंपराओं के प्रति समझ या सम्मान की भयावह कमी को दर्शाता है, जिसमें भविष्य की घटनाओं पर अधिक विचार करने का आग्रह किया गया है. हालांकि, अभी तक मामले पर 10 डाउनिंग स्ट्रीट प्रधानमंत्री ऑफिस से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं पिछले साल जब ऋषि सुनक ने दिवाली उत्सव की मेजबानी की थी तो मांस और शराब मेनू में नहीं थे.
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