जम्मू। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और नेशनल कांफ्रेंस (NC) के नेताओं ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए आरोप लगाया है कि उनके नेता महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले नजरबंद किया गया है। हालांकि उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि राजनीतिक कारणों से पूरे जम्मू कश्मीर में किसी को भी हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है और न ही किसी को गिरफ्तार किया गया है। नजरबंद को लेकर कुछ भ्रामक अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, श्रीनगर पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि श्रीनगर में किसी को नजरबंद नहीं किया गया है। अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाने संबंधी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर पूरी घाटी में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। जम्मू में भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। खासकर सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है।
इस बीच पूरी घाटी में सुरक्षा बलों के काफिले की रवानगी पर रोक लगा दी गई है। साथ ही वीआईपी की सुरक्षा में लगे काफिले पर भी रोक लगा दी गई है। घाटी में कुछ शरारती तत्वों को उठाया गया है, ताकि किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो।
उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर उपराज्यपाल के वीडियो संदेश को रिपोस्ट करते हुए कुछ तस्वीरें साझा की हैं। इसके साथ ही उमर ने लिखा, ‘ये जंजीरें जो मेरे गेट पर लगाई गई हैं, जो मैंने नहीं लगाई हैं तो आप (LG) अपने पुलिस बल द्वारा किए गए काम से इनकार क्यों कर रहे हैं। यह भी संभव है कि आपको पता ही न हो कि आपकी पुलिस क्या कर रही है? क्या आप इमानदार नहीं हैं या आपकी पुलिस आपसे स्वतंत्र होकर काम कर रही है?