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प्रादेशिक

सीएम मोहन यादव से मुलाकात करने पहुंचे नए पुलिस मुखिया कैलाश मकवाना

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भोपाल। मध्य प्रदेश के नए पुलिस मुखिया कैलाश मकवाना ने मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचकर डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की. मकवाना ने पुलिस विभाग में आमूलचूल परिवर्तन कर उसे और भी प्रोफेशनल बनाने का दावा किया है. इसके अलावा सिंहस्थ 2028 को लेकर 1 साल तक पुलिस विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की भी तैयारी की जा रही है.

बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास गृह विभाग का भी चार्ज भी है ऐसे में डीजीपी कैलाश मकवाना उनसे मिलने पहुंचे. पुलिस मुखिया ने मध्य प्रदेश में आने वाले समय में चलाई जाने वाले अभियानों को लेकर सीएम यादव को जानकारी दी. साथ ही उन्होंने पुलिस विभाग के प्रमुख का दायित्व सौंपे जाने पर मुख्यमंत्री का आभार भी जताया.

सिंहस्थ 2028 पुलिस की प्राथमिकताओं में शुमार’

कैलाश मकवाना ने सिंहस्थ 2028 को पुलिस विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार किया है. उन्होंने कहा है कि वे साल 2004 के सिंहस्थ के दौरान डीआईजी इंटेलिजेंस होने के साथ-साथ सिंहस्थ में सेवा देने वाले अधिकारियों में शामिल थे. डीजीपी ने कहा कि सिंहस्थ 2004 और 2016 की तुलना में इस बार सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसके लिए पुलिस विभाग में प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण 1 वर्ष तक चलेगा.

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झारखण्ड

झारखंड में बदलेगी जमीन राजस्व वसूली की व्यवस्था

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रांची। झारखंड के राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे दाखिल-खारिज समेत भूमि संबंधी कार्यों को सेवा के अधिकार कानून के तहत लाएं, ताकि ये सेवाएं समय पर प्रदान की जा सकें। उन्होंने जनता की सुविधा तथा राजस्व संग्रहण में सुधार के लिए भूमि संबंधी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री बिरुआ परियोजना भवन में स्थित अपने कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और विभागीय सचिव के साथ ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को भूमि रसीद प्राप्त करने में असुविधा होती है और उन्हें अक्सर अदालतों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बिरुआ ने कहा, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को जल्द ही बार कोड प्रणाली की सुविधा दी जाएगी, जिससे निवासी सीधे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भूमि रसीद प्राप्त कर सकेंगे। इससे लोगों के कई स्थानों पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।’’

बैठक के दौरान चाईबासा के आयुक्त ने जमशेदपुर जिले की कंपनियों से 2000 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के संबंध में प्रस्ताव रखा। बिरुआ ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यदि ऐसे कई मामलों का समाधान हो जाए तो राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने हरमू नदी के किनारे अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से नदी की रक्षा करने तथा और अधिक नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की।

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