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प्रादेशिक

नीतीश सरकार ने सशस्त्र सेना दिवस पर बिहार के सैनिकों और उनके परिजनों को दिया बड़ा तोहफा

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पटना। नीतीश सरकार ने सशस्त्र सेना दिवस पर बिहार के सैनिकों और उनके परिजनों को बड़ा तोहफा दिया है। बिहार सरकार ने परमवीर चक्र लाने वाले सैनिक को अब दस गुणा अधिक सम्मान राशि देने का एलान किया है। यानी 10 लाख की जगह अब एक करोड़ की सम्मान राशि देगी। वहीं अशोक चक्र लाने वाले को 75 लाख, महावीर चक्र लाने वाले को पांच लाख की जगह 50 लाख की राशि देगी। वहीं कीर्ति चक्र वाले को 10 लाख, वीर चक्र वाले को नौ लाख, शौर्य चक्र वाले को आठ लाख तक का सम्मान राशि देगी।

सीएम ने सैनिकों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान प्रकट किया

निदेशक ब्रिगेडियर मृगेन्द्र कुमार ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से 01 अणे मार्ग में मुलाकात कर उन्हें सशस्त्र सेना झंडा दिवस का फ्लैग लगाया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बिहार स्टेट एक्स सर्विसमैन बेनेवोलेंट फंड में अंशदान किया और देश के बहादुर सैनिकों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उनकी कुर्बानियों अमर है। वे अपने जान के मूल्य पर राष्ट्र पर आये बाह्य एवं आंतरिक संकटों का मुकाबला बहादुरी के साथ करते हैं। इन बहादुर सैनिकों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिये उन्होंने राज्यवासियों से बिहार स्टेट एक्स सर्विसमैन बेनेवोलेंट फंड में अंशदान किये जाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आपका यह अंशदान बहादुर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता होगी।

सम्मान राशि में भी वृद्धि की गई

सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मृगेन्द्र कुमार ने सरकार द्वारा बिहार निवासी सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों को दी जानेवाली सम्मान राशि एवं दी जानेवाली अनुग्रह अनुदान राशि में की गयी बढ़ोत्तरी के लिये मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। बिहार सरकार द्वारा बिहार निवासी सैनिकों / पूर्व सैनिकों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अनुग्रह अनुदान की राशि को 11 लाख रुपए से बढ़ाकर 21 लाख रुपए कर दिया गया है। सशस्त्र सेना की सैन्य सेवा से विमुक्त दिव्यांग सैनिकों हेतु अनुग्रह अनुदान की राशि को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। साथ ही बिहार निवासी शौर्य पुरस्कार विजेताओं को दी जाने वाली सम्मान राशि में भी वृद्धि की गई है।

 

 

 

 

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जयपुर में एमएनआईटी की छात्रा ने हॉस्टल की छठी मंजिल से कूदकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

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जयपुर। राजस्थान के जयपुर में एमएनआईटी की एक छात्रा ने हॉस्टल की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मटक छात्रा का नाम दिव्यराज मेगवाल है। दिव्या बी. आर्क (आर्किटेक्चर) प्रथम वर्ष की छात्रा थी और विनोदिनी हॉस्टल में रह रही थी। शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। नोट में लिखा था, “या तो मैं बचपन में खुश थी या फिर सपनों में खुश थी।” हालांकि, नोट में आत्महत्या का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।

पुलिस ने बताया कि दिव्याराज मेघवाल ने हॉस्टल बिल्डिंग की छठी मंजिल से छलांग लगाई है। मालवीय नगर पुलिस ने शव को जयपुरिया अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। मामले की जांच की जा रही है। दिव्या ने जुलाई 2024 में एमएनआईटी में दाखिला लिया था। छात्रा कैंपस में स्थित विनोदिनी हॉस्टल की चौथी मंजिल पर एक कमरे में अकेली रहती थी। रात करीब 9.50 बजे उसने छठी मंजिल से छलांग लगा दी। गिरने की तेज आवाज सुनकर अन्य स्टूडेंट अपने कमरों से बाहर आए और दिव्या को जमीन पर पड़ा पाया। हॉस्टल के कर्मचारियों ने तुरंत कॉलेज प्रशासन और पुलिस को इस मामले की सूचना दी।

दिव्या को तत्काल जयपुरिया अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मालवीय नगर थाने के एसएचओ संग्राम सिंह ने बताया कि पुलिस छात्रों और कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। दिव्या के माता-पिता को घटना की सूचना दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि जांच जारी है। अधिकारी उन परिस्थितियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके कारण छात्रा ने आत्महत्या की। दिव्या के माता-पिता दोनों शिक्षक हैं। एसएचओ ने आगे बताया, “पुलिस छात्रों और कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। दिव्या के कमरे की भी तलाशी ली गई है। हम उसके मोबाइल फोन की जांच करवा रहे हैं ताकि पता चल सके कि उसने आखिरी बार किससे बात की थी।”

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