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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी ने ब्रूनेई के सुल्तान बोल्किया से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर दक्षिण पूर्वी एशियाई देश ब्रुनेई पहुंचे। यहां मोदी का ब्रूनेई के सुल्तान बोल्किया ने अपने निवास इस्ताना नुरुल इमान में स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और रक्षा, व्यापार, ऊर्जा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात की गई। इससे पहले, दोनों की मुलाकात 2014 में नेपीता में 25वें शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। ब्रुनेई के बाद प्रधानमंत्री 4 और 5 सितंबर को सिंगापुर दौरे पर जाएंगे।

विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने कहा, “एक्ट ईस्ट पॉलिसी के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी अहम है। दोनों राष्ट्राध्यक्ष ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों की भूमिक के संबंध में विस्तारपूर्वक बात करेंगे।” बता दें कि ब्रुनेई और भारत के बीच चार दशक पुराना राजनयिक संबंध है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के लिए इस देश का चयन किया है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ होंगे। दोनों के बीच 1984 में राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे। इसके बाद, 1993 में ब्रुनेई दारुस्सलाम में भारतीय मिशन स्थापित किया गया था।

ब्रुनेई का उच्चायोग भारत में 1992 में स्थापित किया गया था। अगर ब्रुनेई की बात करें, तो यह भारत में पूर्वोत्तर के सिक्कम राज्य से भी छोटा है और जनसंख्या भी बेहद कम है। कुल साढ़े चार लाख आबादी में 14 हजार भारतीय हैं। प्रधानमंत्री के दौरे से यहां रहने वाले भारतीयों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यत: तेल और गैस पर आधारित है। यहां 14वीं शताब्दी से ही राजशाही व्यवस्था है। वर्तमान में हाजी हसनल बोल्किया सुल्तान हैं।

ब्रुनेई दुनिया के सबसे छोटे देशों में शामिल होने के साथ ही सबसे अमीर देशों में से भी एक है। ब्रुनेई के सुल्तान दुनिया के सबसे बेशकीमती महल में रहते हैं। 20 लाख वर्ग फीट में फैले इस महल को 1984 में बनाया गया था। यहां के सुल्तान अपने गजब के लाइफ स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं।उन्हें लग्जरी गाड़ियों और घोड़ों का भी शौक है। उनके पास 200 घोड़े और 700 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां हैं। इसकी कीमत 5 करोड़ डॉलर के करीब है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लेबनान में एक साथ हजारों पेजरों में ब्लास्ट से आठ की मौत, 2700 से अधिक घायल, हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का शक

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नई दिल्ली। लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों द्वारा ले जाए जा रहे सैकड़ों पेजर मंगलवार को एक बड़े हमले में लगभग एक साथ फट गए। हिजबुल्लाह के गुर्गों पर लक्षित इजरायली हमले स्थानीय समयानुसार दोपहर 3:30 बजे वायरलेस डिवाइस में विस्फोट के साथ शुरू हुए और देशभर में धमाके हुए। देशभर में सैकड़ों पेजरों में एक साथ ब्लास्ट से आठ लोगों की मौत हो गई जबकि 2,700 से अधिक घायल हो गये जिनमें ज्यादातर हिजबुल्लाह सदस्य हैं। घायलों में 200 के लगभग की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

सीएनएन की रिपोर्ट कहती है कि इस हमले के पीछे इजरायल है। इजरायल की खुफिया सेवा, मोसाद और इजरायली सेना ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। लेबनानी सरकार ने इस हमले की निंदा करते हुए इजरायल को इसका जिम्मेदार कहा है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबैद ने बताया कि 2,750 लोग विस्फोटों में घायल हो गए हैं। उनमें 200 की स्थित गंभीर बनी हुई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, हिजबुल्लाह की सक्षम एजेंसियां ​​वर्तमान में एक साथ हुए इन विस्फोटों के कारणों का पता लगाने के लिए “व्यापक सुरक्षा और वैज्ञानिक जांच” कर रही हैं।

इजरायली बहुभाषी ऑनलाइन समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इजरायल ने रॉयटर्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पेजर विस्फोटों में हिजबुल्लाह का एक प्रमुख सदस्य हताहतों में से एक है। लेबनानी मीडिया के अनुसार, “इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी लेबनान के बालबेक जिले में एक युवा लड़की की मौत हो गई।” यह भी बताया गया कि लेबनान में सैकड़ों पेजरों में विस्फोट होने से हिज़्बुल्लाह के शीर्ष नेता और उनके सलाहकार घायल हो गए।

 

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