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एनआरसी को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही ये बड़ी बात

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को सुचारु रूप से लागू किया जाएगा और इस प्रक्रिया में किसी भी भारतीय को उसके नागरिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा।

जावड़ेकर ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि भारत आने वाले लोग बांग्लादेश और पाकिस्तान के अलग होने से पहले इसका हिस्सा थे।

उन्होंने कहा, “लोगों को अपना आधार बहुत आसानी से मिल गया। मैं आश्वासन दे सकता हूं कि जब भी एनआरसी होगा, यह इतना सुचारु होगा कि एक भी भारतीय नागरिक अपनी नागरिकता से वंचित नहीं होगा।”

मुसलमानों को सीएए से बाहर करने पर उन्होंने समझाया कि तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने खुद को इस्लामिक राज्य घोषित किया है।

उन्होंने कहा, “आप किसी इस्लामिक राज्य में धर्म के आधार पर किसी के उत्पीड़न की कल्पना तक नहीं कर सकते। बांग्लादेश और पाकिस्तान में रहने वाले लोग अब वापस आ रहे हैं और वे केवल भारत का हिस्सा थे।” जावड़ेकर ने कहा, “वे मूल रूप से भारतीय नागरिक थे, क्योंकि भारत का विभाजन हुआ था, लोग विभाजित नहीं हुए थे।”

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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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