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अन्तर्राष्ट्रीय

राष्ट्रपति जेलेंसकी ने की रूस के बातचीत का प्रस्ताव किया खारिज, रखी ये शर्त

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नई दिल्ली। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार को बेलारूस में बातचीत करने के रूस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, और इस मसले पर बातचीत के लिए बुडापेस्ट और वॉरसा सहित दूसरे वैकल्पिक शहरों का सुझाव दिया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वलोडिमिर जेलेंस्की ने क्रेमलिन की ओर से वार्ता की घोषणा के तुरंत बाद अपने टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संबोधन में यह टिप्पणी करते हुए कहा कि एक रूसी प्रतिनिधिमंडल बेलारूस आ गया है और यूक्रेन के साथ गोमेल शहर में बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मिलने के लिए कोई और जगह तय होगी। बेशक, हम शांति चाहते हैं, हम मिलना चाहते हैं, हम युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। वॉरसा, ब्रातिस्लावा, बुडापेस्ट, इस्तांबुल, बाकू हमने रूस को कई शहर के सुझाव दिए।

इससे पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों सहित एक प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

शेख हसीना का बड़ा बयान, कहा- बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस

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न्यूयॉर्क। भारत में रह रहीं शेख हसीना ने अपने देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले के लिए वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जन संहार करवा रहे हैं। इस कारण देश में फिर से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूयॉर्क में आवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।” बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) की अध्यक्ष और ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी ने कहा, “शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है। कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है। कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और पुजारी की तुरंत रिहाई की मांग की।

 

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