Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’,कहा-अगली ‘मन की बात’ लोकसाभा चुनाव के बाद होगी

Published

on

PM Modi Mann Ki Baat

Loading

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ के ज़रिये देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम का यह 53वां एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। पीएम ने ‘मन की बात’ करते हुए कहा अपनी भावनाये व्यक्त करते हुए कहा कि आज मन भरा हुआ है। इस आतंकी हिंसा के विरोध में जो आवेग आपके और मेरे मन में है। भारत-माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले देश के सभी वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं।
पोएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को आने वाले पर्व महाशिवरात्रि के लिए शुभकामनाएं दी। साथ ही पीएम ने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से आप सब से जुड़ना मेरे लिए एक अनोखा अनुभव रहा है। रेडियो के माध्यम से मैं एक तरह से करोड़ों परिवारों से हर महीने रूबरू होता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति और विरासत के बारे में अवगत कराया साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में त्यौहार की बात न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। शायद ही हमारे देश में कोई दिन ऐसा नहीं होता है, जिसका महत्व ही न हो, जिसका कोई त्यौहार न हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मंत्री ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड इम्तेहान के लिए परीक्षा देने वाले सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंहने किसान चची से भी देशवासिययों को अवगत कराया जिन्होंने 300 महिलाओं को ‘Self Help Group’ से जोड़ा और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेरित किया। पीएम मोदी ने झारखण्ड में ‘Lady Tarzan’ के नाम से विख्यात महिला के बारे में भी बताया जिन्होंने उन्होंने न केवल 50 हेक्टेयर जंगल को उजड़ने से बचाया बल्कि दस हज़ार महिलाओं को एकजुट कर पेड़ों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रेरित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म पुरस्कार पाने वालों में मराठवाड़ा के शब्बीर सैय्यद का भी ज़िक्र किया जो गौ-माता के सेवक के रूप में जाने जाते हैं। गुजरात के अब्दुल गफूर खत्री के भी बारे में बताया जो कच्छ के पारंपरिक रोगन पेंटिंग को पुनर्जीवित करने का अद्भुत कार्य करते हैं। ‘Canal Man Of Odisha’ के नाम से प्रचलित का भी वर्णन किया जिन्होंने अपने हाथों से पहाड़ काटकर तीन किलोमीटर तक नहर का रास्ता बना दिया।अपने परिश्रम से सिंचाई और पानी की समस्या हमेशा के लिए ख़त्म कर दी।
अंत में पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है। अगले दो महीने, हम सभी चुनाव की गहमा-गहमी में व्यस्त होगें। मैं स्वयं भी इस चुनाव में एक प्रत्याशी रहूंगा। स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हुए अगली #MannKiBaat मई महीने के आखिरी रविवार को होगी।

नेशनल

पत्नी से परेशान सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने की आत्महत्या, जानें क्या है वजह

Published

on

Loading

बेंगलुरु। उत्तर प्रदेश निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की आत्महत्या के मामले में मंगलवार को उसकी पत्नी और उसके परिजनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव और उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों और उसकी पत्नी, उसके रिश्तेदार और उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश की ओर से प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है.

पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला. उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिसमें लिखा था ‘न्याय मिलना बाकी’ है. अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

सुभाष ने वीडियो में क्या कहा?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सुभाष यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, “मुझे लगता है कि आत्महत्या कर लेनी चाहिए, क्योंकि मैं जो रुपये कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं. उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है और यह चक्र यू हीं चलता रहेगा. मेरी ओर से चुकाए गए टैक्स से मिले पैसे से यह कोर्ट और पुलिस व्यवस्था मुझे, मेरे परिवार को और अन्य सज्जन लोगों को परेशान करेगी.”

सुभाष ने मांग की कि उनकी मौत के बाद पत्नी और उसके परिवार को उनके शव के पास जाने की अनुमति न दी जाए. उन्होंने वीडियो में अपने परिजनों से कहा, “जब ​​तक उनका कथित उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिल जाती तब तक वे उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें. सुभाष ने न्याय की मांग करते हुए अपने परिजनों से आग्रह किया कि यदि उसका उत्पीड़न करने वालों को दोषी नहीं ठहराया जाता है तो वे उसकी अस्थियों को अदालत के नाले के बाहर फेंक दें.”

कौन हैं रीता कौशिक

रीता कौशिक फिलहाल जौनपुर में प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज हैं। एक जुलाई 1968 को मुजफ्फरनगर में जन्मीं रीता कौशिक ने 20 मार्च 1996 में मुंसिफ के तौर पर अपने न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी। 1999 में वह सहारनपुर में जूडिशल मैजिस्ट्रेट रहीं। 2000-2002 तक उन्होंने मथुरा में अडिशनल सिविल जज की जिम्मेदारी संभाली। मथुरा ही में वह सिविल जज बन गईं। 2003 में उनका ट्रांसफर अमरोहा हो गया, जहां वह सिवल जज (जूनियर डिविजन) के तौर पर तैनात रहीं।

2003 से 2004 तक लखनऊ में स्पेशल सीजेएम रहीं। इसके बाद प्रमोट होकर अडिशनल चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट बन गईं।वह अयोध्या में भी डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज रहीं। इसके बाद साल 2018 में वह पहली बार अयोध्या में ही फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं। 2022 तक वह अयोध्या में तैनात रहीं। इसके बाद उनका ट्रांसफर जौनपुर में हो गया। तब से वह यहीं पर फैमिली कोर्ट में प्रिंसिपल जज के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं।

मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट ने की कार्रवाई की मांग

वहीं इस मामले में वकील आभा सिंह ने कहा, “बेंगलुरु में एक 34 वर्षीय युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली और उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा है. उसने उल्लेख किया है कि उसके खिलाफ नौ पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं, हत्या, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे आरोप हैं. सुसाइड नोट में कहा गया है कि यह सच नहीं था और वह व्यक्ति अपनी पत्नी को दो लाख रुपये दे रहा था.”

 

 

Continue Reading

Trending