Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

तुला राशि में लग रही है ग्रहों की चौकड़ी, अक्टूबर में इन 4 राशियों पर होगी धनवर्षा  

Published

on

Four Planets in Libra

Loading

नई दिल्ली। तुला राशि में इस महीने चार ग्रहों का प्रवेश होने जा रहा है। मंगल और केतु तो तुला राशि में पहुंच चुके हैं और अब 18 अक्‍टूबर को सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेंगे। उसके अगले दिन 19 अक्‍टूबर को बुध भी कन्‍या राशि से तुला राशि में पहुंच जाएंगे।

इस प्रकार तुला राशि में चार ग्रहों की चौकड़ी लग जाएगी। ग्रहों का इस तरह से एक राशि में आ जाना ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों की यह चौकड़ी 4 राशियों के लोगों को मालामाल बनाएगी। देखिए क्‍या आपकी राशि है इनमें शामिल।

मेष राशि

तुला राशि में लगने जा रहा ग्रहों का मजमा मेष राशि के जातकों के लिए कई शुभ बनाएगा। इसके प्रभाव से मेष राशि के जातकों की सेहत में काफी सुधार देखने को मिलेंगे। काफी समय से रुका हुआ कोई बड़ा पेमेंट व्‍यापारियों को मिलने से उनकी कई रुकी योजनाएं फिर से आरंभ हो सकती हैं। इस वक्‍त आपके घर और कार्यक्षेत्र का माहौल भी काफी खुशनुमा रहेगा। आपके परिवार में भी खुशियों का माहौल रहेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लोगों को अक्‍टूबर में बनने वाले ग्रहों के शुभ योग अचानक कहीं से धन की प्राप्ति हो सकती है। आपके कई बिगड़े कार्य जिनको लेकर आप काफी समय से परेशान थे, वे पूर्ण होने की संभावना है। परिवार के लोगों के साथ आपके संबंधों में काफी सुधार होगा।

बिजनस में जीवनसाथी की सलाह लेकर आप जो भी काम करेंगे उसमें आपको सफलता प्राप्‍त होगी। हालांकि महीने के अंत में आपको किसी मामले में उत्‍तेजित न होने की सलाह है। क्रोध पर काबू रखें।

कन्‍या राशि

कन्‍या राशि वालों के लिए इन 4 ग्रहों का संयोग बेहद शुभ प्रभाव देने वाला माना जा रहा है। इस महीने धन लाभ के साथ ही आपके लिए कार्यक्षेत्र में भी उन्‍नति के योग बन रहे हैं। आपको बिजनस में बेहतर मुनाफा हासिल होगा।

मित्रों की तरफ से आपको कारोबार में कोई बड़ी मदद प्राप्‍त होगी। परिवार में शांति बनाए रखने का प्रयास करें तो आपका हर कार्य आसानी से पूरा हो जाएगा। करियर की बात करें तो इस महीने आपके लिए नौकरी का कोई अच्‍छा ऑफर आ सकता है।

मकर राशि 

मकर राशि के लोगों के लिए अक्‍टूबर का महीना धार्मिक कार्यों वाला रहेगा। पूजापाठ में आपका मन लगेगा। तुला राशि में बन रहे शुभ योग की वजह से आपके रुके कार्य बन जाएंगे और आपको ऑफिस के कार्य में सम्‍मान की प्राप्ति होगी। नौकरी में मनचाहे परिणाम आएंगे और कारोबार में बड़ी मात्रा में धन हाथ में आने से संतोष होगा। परिवार में सब कुछ अच्‍छा रहेगा। सेहत का इस महीने विशेष ध्‍यान रखें।

डिसक्लेमर: उपरोक्त जानकारी की पूर्ण सत्य व सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।  

Continue Reading

आध्यात्म

जानें भगवान गणेश की पूजा में क्यों नहीं किया जाता तुलसी का प्रयोग

Published

on

Loading

लखनऊ। गणेश चतुर्थी के महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। घर-घर में गणेश जी के आगमन से लोगों में काफी उत्साह छाया हुआ है। प्रथम पूज्य गणेश जी के भोग, और प्रसाद के बारे में तो सभी जानते हैं। यही नहीं हम सबने गणेश जी से सम्बंधित कई कथाएं भी सुनी है। लेकिन आज हम आपको ऐसी गणेश जी से संबंधित ऐसी कथा बतायेंगे जिसके बारे में शायद ही आप जानते हो। जी हाँ आज हम आपको बताएँगे की गणेश पूजन के दौरान तुलसी का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता।

दरअसल, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार एक बार गणपति जी गंगा किनारे तपस्या कर रहे थे। उसी गंगा तट पर धर्मात्मज कन्या तुलसी भी अपने विवाह के लिए तीर्थयात्रा करती  हुईं, वहां पहुंची थी। गणेश जी रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे थे और चंदन के लेपन के साथ उनके शरीर पर अनेक रत्न जड़ित हार में उनकी छवि बेहद मनमोहक लग रही थी।

तपस्या में विलीन गणेश जी को देख तुलसी का मन उनकी ओर आकर्षित हो गया। उन्होंने गणपति जी को तपस्या से उठा कर उन्हें विवाह का प्रस्ताव दिया। तपस्या भंग होने से गणपति जी बेहद क्रोध में आ गए। गणेश जी ने तुलसी देवी के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गणेश जी से ना सुनने पर तुलसी देवी बेहद क्रोधित हो गईं, जिसके बाद तुलसी देवी ने गणेश जी को श्राप दिया कि उनके दो विवाह होंगे।

वहीं गणेश जी ने भी क्रोध में आकर तुलसी देवी को श्राप दिया कि उनका विवाह एक असुर से होगा। ये श्राप सुनते ही तुलसी जी को अपनी भूल का एहसास हुआ और वह गणेश जी से माफी मांगने लगीं। तब गणेश जी ने कहा कि तुम्हारा विवाह शंखचूर्ण राक्षस से होगा, लेकिन इसके बाद तुम पौधे का रूप धारण कर लोगी। ना तुम्हारा शाप खाली जाएगा ना मेरा। मैं रिद्धि और सिद्धि का पति बनूंगा और तुम्हारा भी विवाह राक्षस से होगा। लेकिन अंत में तुम भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की प्रिया बनोगी और कलयुग में भगवान विष्णु के साथ तुम्हें पौधेे के रूप में  पूजा जाएगा लेकिन मेरी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

Continue Reading

Trending