Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

केरल-पंजाब के बाद अब राजस्थान विधानसभा में भी पास हुआ CAA के खिलाफ प्रस्ताव

Published

on

Loading

जयपुर केरल, पंजाब के बाद राजस्थान विधानसभा ने भी शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया। इसी के साथ राजस्थान सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला तीसरा राज्य बन गया है।

केरल और पंजाब के बाद ऐसा प्रस्ताव पास करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है। राजस्थान विधानसभा में सीएए के खिलाफ पेश प्रस्ताव में कहा गया कि संसद द्वारा अनुमोदित सीएए के जरिए धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों को निशाना बनाया गया है।

धर्म के आधार पर ऐसा भेदभाव ठीक नहीं है। यह संविधान की धर्मनिरपेक्ष वाली मूल भावना के खिलाफ है। यही कारण है कि सीएए के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। संकल्प में एनआरसी और असम का भी जिक्र किया गया है।

हालांकि, राजस्थान विधानसभा में सीएए के साथ ही एनपीआर में हुए संशोधनों को लेकर भी संकल्प पास हुआ। राजस्थान पहला राज्य है, जहां एनपीआर के संशोधनों को लेकर कोई संकल्प पास किया गया है।

इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। शनिवार को जब सदन में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया तो विपक्ष ने विरोध किया।

भाजपा सदस्य वेल में चले आए और सीएए के समर्थन में नारे लगाए। इससे पहले एससी-एसटी आरक्षण को बढ़ाने वाला 126वां संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया।

केरल विधानसभा ने 31 दिसंबर 2019 और पंजाब विधानसभा ने 17 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था।

उत्तर प्रदेश

बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं

Published

on

Loading

लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।

Continue Reading

Trending