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सऊदी अरब में आई बदलाव की बयार, आज का दिन कभी नहीं भूलेंगी ये महिलाएं

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सऊदी अरब में रविवार का दिन सऊदी अरब की महिलाएं के लिए ऐतिहासिक रहा। सऊदी अरब में रविवार से महिलाएं सड़कों पर खुद गाड़ी चलाने में सक्षम हो गईं। इसी के साथ यह देश महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने वाला दुनिया का अंतिम देश बन गया। देश के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक दिन रहने वाला है, क्योंकि 60 से अधिक वर्षों से महिलाएं यात्री सीट पर ही बैठा करती थीं। खाड़ी देश में 1.51 करोड़ महिलाएं पहली बार सड़कों पर गाड़ी लेकर उतरने में सक्षम हो सकेंगी।

सऊदी अरब में महिलाओं को वाहन चलाने की अनुमति मिल गई है। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस बदलाव की घोषणा पिछले साल सितंबर में हुई थी और सऊदी अरब ने इस माह की शुरुआत में महिलाओं के लिए पहली बार लाइंसेस जारी किया था। यह पूरे विश्व में अकेला देश था जहां महिलाओं को वाहन चलाने पर पाबंद थी।

सऊदी अरब ने सितंबर 2017 में महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। यह फैसला क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 कार्यक्रम का हिस्सा है, ताकि अर्थव्यवस्था को तेल से अलग कर सऊदी समाज को खोला जा सके।

जेद्दाह की एक महिला हम्सा अल-सोनोसी ने कहा, “मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपनी जिंदगी में इस दिन को देख पाउंगी।” जेद्दाह महिलाओं को लाइसेंस देने वाला देश का दूसरा शहर है। उन्होंने कहा, “लोग इस दिन के लिए विदेशों से वापस आ रहे हैं। यह ऐतिहासिक है।”

मजदूलीन सऊदी अरब में पहली महिला हैं जो सऊदी अरब सरकार की अनुमति से अपनी कार ड्राइव कर सकती हैं।

प्रतिबंध के हटने पर खुशी जाहिर करते हुए फार्मेसी की एक छात्रा हतून बिन दाखिल (21) ने कहा, “बाहर जाने के लिए ड्राइवर का इंतजार करने के दिन अब खत्म हो गए। अब हमें किसी पुरुष की जरूरत नहीं है।”

दरअसल तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद से सऊदी अरब यह समझ चुका है कि तेल कभी भी ख़त्म हो सकता है, ऐसे में सऊदी ने तेल से इतर अपना अस्तित्व तलाशने का काम शुरू कर दिया है।

हाल के समय में रूढ़ीवादी परंपराओं को तोड़ते हुए सऊदी अरब में कुछ महिलाओं के पक्ष में फैसले लिए गए जिसमें महिलाओं को पुरुष फुटबॉल मैच देखने के लिए स्टेडियम में प्रवेश करने की इजाजत और सऊदी हवाईअड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण में महिलाओं के लिए 140 नौकरियां निकालने जैसे फैसले शामिल हैं। (इनपुट आईएएनएस)

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शेख हसीना का बड़ा बयान, कहा- बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस

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न्यूयॉर्क। भारत में रह रहीं शेख हसीना ने अपने देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले के लिए वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जन संहार करवा रहे हैं। इस कारण देश में फिर से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूयॉर्क में आवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।” बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) की अध्यक्ष और ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी ने कहा, “शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है। कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है। कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और पुजारी की तुरंत रिहाई की मांग की।

 

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