खेल-कूद
फीफा विश्व कप-2018 : इन 12 शानदार स्टेडियम में खेले जाएंगे फुटबॉल मैच, Luzhniki में होगा फाइनल
फीफा विश्व कप-2018 में बड़ी टीमों के बीच खेले जाने वाले मुकाबले जितने खास होते हैं उतने ही खास होते हैं वो स्टेडियम, जिनमें ये मुकाबले खेले जाते हैं। रूस में 14 जून से फीफा विश्व कप-2018 शुरू हो रहा है। फीफा विश्व कप के मैच 11 शहरों के 12 स्टेडियमों में खेले जाएंगे। इन 12 स्टेडियमों में फीफा विश्व कप 2018 में 64 मैच खेले जाने हैं। ये 12 स्टेडियम अपने आप में बेहद अहम हैं। लुज्निकी स्टेडियम, इस स्टेडियम में फीफा विश्व कप का पहला और फाइनल मैच खेला जाएगा।
1.
यह स्टेडियम रूस की राजधानी मॉस्को में मोस्कवा नदी के किनारे स्थित है। वर्ष 1956 में बना था।पहले इसका नाम सेंट्रल लेनिन था। यह स्टेडियम 1980 मॉस्को ओलम्पिक खेलों का मुख्य केंद्र था, सिर्फ 450 दिन में बनकर तैयार हुआ। वर्ष 1990 में इसका पुन: निर्माण किया गया और इसके बाद इसका नाम लुज्निकी रखा गया।
इसमें 1999 में यूईएफए फाइनल और 2008 में चैम्पियंस लीग फाइनल मैच हुआ और ऐसे में यह स्टेडियम कई यादें संजोए बैठा है। वर्ष 2018 में मरम्मत के दौरान इसके स्टैंडों को दो टायरों में विभाजित किया गया। इसमें ग्रुप मैचों के अलावा, नॉकआउट, सेमीफाइनल-2 और फाइनल मैच खेला जाएगा।
2. स्पार्ताक स्टेडियम : रंग बदलने वाला स्टेडियम
मॉस्को शहर में ही स्थित 2014 में निर्मित स्पार्ताक स्टेडियम में 43,298 प्रशंसक एक समय पर बैठ सकते हैं। यह स्पार्ताक मॉस्को क्लब का घरेलू मैदान है। चेनमेल से सजा हुआ यह स्टेडियम बाहर से स्पार्ताक क्लब के लाल और सफेद रंग से रंगा हुआ है। हालांकि, इन रंगों को स्टेडियम में खेलने वाली टीमों के मुताबिक बदला भी जा सकता है। इसमें ग्रुप मैचों के अलावा, नॉकआउट का मैच भी खेला जाएगा।
3. निजनी नोवगोरोड स्टेडियम : नीले रंग में रंगा गोलाकार स्टेडियम
नीले रंग में रंगा यह गोलाकार स्टेडियम निजनी नोवगोरोड शहर में स्थित है। वोल्गा क्षेत्र में प्रकृति से प्रेरित इस स्टेडियम एक समय पर 45,331 एक साथ लाइव मैच देख सकते हैं। यह हवा और पानी अस्तित्व को दर्शाता है। 2015 में इसका निर्माण हुआ था। इसमें ग्रुप स्तर के अलावा, अंतिम-16 दौर के साथ क्वार्टर फाइनल-1 का मैच भी खेला जाएगा।
4. मोडरेविया एरीना : तीन रंग हैं इसकी जान
नारंगी, सफेद और लाल रंग से सजा सरांस्क में स्थित मोडरेविया एरीना स्टेडियम का मैदान 2010 में खराब हो गया था। फंड में कमी के कारण इसके निर्माण में देरी हुई और इसीलिए, यह 2017 के अंत तक पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हो पाया था। इसमें अभी 45,000 प्रशंसकों के बैठने की क्षमता है, लेकिन फीफा विश्व कप के बाद इसके अपर टायर को हटा दिया जाएगा। ऐसे में कुल 28,000 लोग ही इसमें बैठ पाएंगे। इसमें केवल ग्रुप स्तर के मैच होंगे।
5. कजान एरीना : वास्तुकारों ने दिखाए अपना हुनर
कजान शहर में स्थित इस स्टेडियम का निर्माण वास्तुकारों ने किया है, जिन्होंने वेम्ब्ले और एमिरात स्टेडियमों का निर्माण किया। जुलाई, 2013 में बनकर तैयार हुए इस स्टेडियम में 44,779 दर्शक बैठ सकते हैं। यह स्थानीय लोगों की संस्कृति को दर्शाता है। इसमें ग्रुप स्तर के साथ-साथ अंतिम-16 दौर और क्वार्टर फाइनल-2 के मैच खेले जाएंगे।
6. समारान एरीना (कॉसमोस): अंतरिक्ष यान जैसा स्टेडियम
समारा शहर के प्रसिद्ध एयरोस्पेस क्षेत्र को प्रतिबिंबित करने के लिए इस स्टेडियम को अंतरिक्ष यान के रूपरंग में बनाया गया है। विश्व कप के समापन के बाद इसका नाम बदलकर कॉसमोस एरीना रखा जाएगा। ग्रुप मैचों के अलावा, इसमें नॉकआउट और चौथा क्वार्टर फाइनल मैच खेला जाएगा।
7. एकातेरीना स्टेडियम : 65 साल पुराना स्टेडियम
रूस के चौथे सबसे बड़े शहर एकातेरिनबर्ग में स्थित यह स्टेडियम को वर्ष 1953 में बनाया गया था। इसके बाद, वर्ष 2007 और वर्ष 2011 में इसका पुन:निर्माण किया गया। 35,000 लोग इसमें एक समय पर बैठकर लाइव मैच देख सकते हैं। विश्व कप के बाद इसकी 12,000 अस्थायी सीटों को हटा दिया जाएगा, जिसके बाद इसमें केवल 23,000 लोग ही बैठ पाएंगे। इसमें ग्रुप मैच ही खेले जाएंगे।
8. सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम : तकनीकी युक्त बेहतरीन स्टेडियम
साल 2007 में इसके मैदान को तोड़कर फिर से नया बनाया गया था, जो 2009 में तैयार होना था। हालांकि, कई बार देरी होने के बाद यह 2017 में बनकर तैयार हुआ। 68,134 सीटों वाला नीले रंग में ढका यह स्टेडियम विश्व के तकनीकी रूप से उन्नत बेहतरीन स्टेडियमों में से एक है। ग्रुप के अलावा, इसमें फीफा नॉकआउट और सेमीफाइनल-1 का मैच खेला जाएगा।
9. कालिनिग्रेड स्टेडियम : स्टेडियम की 10,000 सीटें कम की जाएंगी
बाल्टिक सागर के पास स्थित कालिनिग्रेड शहर का यह स्टेडियम बायर्न म्यूनिख क्लब के एलियांज एरीना के डिजाइन पर आधारित है। 35,000 सीटों वाला यह स्टेडियम फीफा विश्व कप के ग्रुप स्तर के मैच आयोजित करेगा। इस टूर्नामेंट के बाद स्टेडियम की 10,000 सीटों को हटा दिया जाएगा।
10. वोल्गोग्राड स्टेडियम : छत साइकिल के पहियों जैसी
वोल्गा नदी के पास वोल्गोग्राड शहर में स्थित 45,568 सीटों वाला यह स्टेडियम की छत का निर्माण साइकिल के पहियों के डिजाइन की तरह किया गया है। यह छोठे शंकु के उल्टे आकार पर आधारित होकर बनाया गया है। इसमें विश्व कप के ग्रुप स्तर के मैच होंगे और इसके बाद यह रोटोर वोल्गोग्राड का घरेलू मैदान बन जाएगा।
11. रोस्तोव एरीना : एक साथ करीब 45 हजार लोग बैठ देख सकते हैं मैच
रोस्तोव-ऑना-डॉन शहर में स्थित इस स्टेडियम का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू हुआ था, जिसमें देरी होती गई और वर्ष 2018 के शुरुआत में बनकर तैयार हुआ। इसमें 45,145 लोग बैठ सकते हैं। ग्रुप स्तर के साथ इसमें नॉकआउट का एक मैच खेला जाएगा।
12. फिश्ट स्टेडियम : दो हिस्सों में बट जाती है स्टेडियम की छत
सोचि शहर का यह स्टेडियम की छत दो भागों में बटी है, जो बर्फीले पहाड़ों के आकार को दर्शाती है। इसका नाम माउंट फिश्ट पहाड़ी के नाम पर रखा गया है। इसमें फीफा विश्व कप के ग्रुप मैचों के अलावा, नॉकआउट और तीसरा क्वार्टर फाइनल मैच खेला जाएगा। 47,700 लोग एक साथ बैठक लाइव मैच का आनंद ले सकते हैं। (इनपुट आईएएनएस)
खेल-कूद
पाकिस्तान को घर में झेलनी पड़ी एक और शर्मनाक हार, इंग्लैंड ने पारी और 47 रनों से हराया
नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम को एक बार फिर घर में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। टेस्ट क्रिकेट में ये पहली बार है जब कोई टीम पहली पारी में 500 रन बनाने के बाद पारी से हार गई हो। इसी के साथ इंग्लैंड ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। पाकिस्तान ने पहली पारी में 556 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। इसके बाद इंग्लैंड की टीम ने भी दमदार बल्लेबाजी की थी और सात विकेट खोकर 823 रन बना पारी घोषित कर दी थी और मेजबान टीम पर 267 रनों की बढ़त ले ली थी। इस स्कोर के सामने पाकिस्तान की टीम दूसरी पारी में 220 रनों पर ढेर होकर मैच हार गई। पिछले 9 टेस्ट मैच में पाकिस्तान की यह 7वीं हार है।
पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन का खेल खत्म होन के समय तक मेजबान टीम ने दूसरी पारी में 37 ओवर में 6 विकेट पर 152 रन बनाये थे। उसे पारी की हार से बचने के लिए 115 रन की और जरूरत थी, लेकिन आखिरी दिन वह 17.5 ओवर में 68 रन ही बना पाई और शेष चारों विकेट गंवा दिये।
इंग्लैंड ने एक ऐसी पिच पर नतीजा हासिल किया, जो गेंदबाजों के लिए बिल्कुल भी मददगार नहीं थी। मुल्तान स्थित मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम पर खेले गए इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। पाकिस्तान ने पहली पारी में 149 ओवर में 556 रन बनाए। इंग्लैंड ने पहली पारी 150 ओवर में 7 विकेट पर 823 रन बनाकर घोषित की। पाकिस्तान की दूसरी पारी 54.5 ओवर में 220 रन पर ऑलआउट हुई।
टॉस हारने और डेढ़ दिन से अधिक समय तक फील्डिंग करने के बाद इंग्लैंड ने हैरी ब्रूक के तिहरे शतक और जो रूट के करियर के सर्वोच्च स्कोर (262 रन) की बदौलत 823 रन बनाकर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। हैरी ब्रूक और जो रूट समेत इंग्लैंड के सभी बल्लेबाजों ने जिस गति से रन बनाए, उससे परिणाम की संभावना खुल गई। हालांकि, मैच को नतीजे तक पहुंचाने का पूरा श्रेय इंग्लैंड के गेंदबाजों को जाता है।
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