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साध्वी प्रज्ञा का एक और विवादित बयान, कहा-बाबरी ढांचा गिराने पर गर्व

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने और भोपाल से टिकट पाने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादित बयान बंद होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

हेमंत करकरे की शहादत पर टिप्पणी करने के बाद अब साध्वी ने अब एक और विवादित बयान दिया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने में उनकी भी भूमिका रही है।

अपने इस विवादित बयान पर साध्वी रविवार को भी कायम रहीं। उन्होंने कहा, हां, मैं अयोध्या गई थी। मैंने कल भी ये कहा था। मैं मना नहीं कर रही। मैंने ढांचे को तोड़ा था। मैं वहां जाकर राम मंदिर निर्माण में भी मदद करूंगी। कोई हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता। राम राष्ट्र हैं, राष्ट्र राम हैं।

शनिवार को साध्वी ने उस समय राजनीतिक हलचल पैदा कर दी जब उन्होंने कहा कि वह बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ गईं और उसे ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर जरूर बनेगा। एक भव्य मंदिर बनेगा।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एक समयसीमा बता सकती हैं तो उन्होंने कहा, ‘हम मंदिर वहीं बनाएंगे। आखिरकार, हम ढांचे को ध्वस्त करने के लिए गए थे।’

 

 

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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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