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बिजनेस

Sah Polymers IPO को निवेशकों का तगड़ा रिस्पॉन्स, 17 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन

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Sah Polymers IPO

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नई दिल्ली। साह पॉलीमर्स के आईपीओ (Sah Polymers IPO) को निवेशकों की तरफ से तगड़ा रिस्पॉन्स मिला है। कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को सब्सक्रिप्शन के अंतिम दिन 17.46 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। एनएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रारंभिक शेयर-बिक्री के प्रस्ताव को 56,10,000 शेयरों के मुकाबले 9,79,44,810 शेयरों के लिए बोलियां हासिल हुईं।

खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (RII) के हिस्से को 39.78 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी को 32.69 गुना और योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB ) को 2.40 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में 1.02 करोड़ इक्विटी शेयरों का एक नया इश्यू ऑफर किया गया था।

क्या है ऑफर की प्राइज रेंज

साह पॉलीमर्स के आईपीओ के ऑफर के लिए प्राइस रेंज 61-65 रुपये प्रति शेयर थी। पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स इस ऑफर के मैनेजर थे।

कंपनी प्रोफाइल

उदयपुर स्थित यह कंपनी कृषि कीटनाशकों, बुनियादी दवाओं, सीमेंट, रसायन, उर्वरक, खाद्य उत्पादों, कपड़ा, चीनी मिट्टी की चीजें और स्टील सहित विभिन्न प्रकार के उद्योगों के लिए पैकेजिंग समाधान प्रदान करती है। इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव है।

साह पॉलिमर मुख्य रूप से पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी)/उच्च घनत्व पॉलीथीन (एचडीपीई) एफआईबीसी बैग, बुने हुए बोरे, एचडीपीई/पीपी बुने हुए कपड़े और बहुलक आधारित उत्पादों के निर्माण और बिक्री में लगी हुई है।

कहां इस्तेमाल होगा पैसा

कंपनी ने कहा है कि आईपीओ से प्राप्त आय का उपयोग नए तरीके के फ्लेक्सिबल इंटरमीडिएट बल्क कंटेनर (एफआईबीसी) की एक नई विनिर्माण सुविधा की स्थापना के लिए करने वाली है। इसके अलावा कंपनी अपने कारोबार का विस्तार करने और पूर्ण या आंशिक रूप से कुछ कुछ उधारों का पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान करने के लिए भी इस राशि का उपयोग कर सकती है। कंपनी कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य के लिए भी ये पैसा खर्च कर सकती है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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