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कई वर्तमान सपा विधायकों का कट सकता है टिकट!

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प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, 2017 के विधानसभा चुनाव, प्रत्याशियो के चयन, वर्तमान सपा विधायकों

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प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, 2017 के विधानसभा चुनाव, प्रत्याशियो के चयन, वर्तमान सपा विधायकों

samajwadi party

मंडलीय प्रभारियों की रिपोर्ट से आला कमान सकते में

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियो के चयन में कोई चूक नहीं करना चाहती है। पार्टी आला कमान प्रत्याशी चयन में फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। यही वजह से पार्टी के प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने में विलंब हो रहा है। मजे की बात यह है कि प्रत्याशियों चयन के लिए तय गए विधान परिषद सदस्य प्रभारियों की रिपोर्ट ने आला कमान को सकते में डाल दिया है।

प्रभारियों की रिपोर्ट ने कई वर्तमान विधायकों की पोल खोल दी है। पार्टी के विकास कार्यों की कलई खोलते इन वर्तमान विधायकों को टिकट दिए जाने को लेकर आला कमान पेशोपश में है। रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर प्रत्याशियों का चयन किया गया तो करीब पांच दर्जन विधायक व मंत्रियों का टिकट कट सकता है।

आगामी विधानसभा चुनाव को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल दिनोंदिन तेज होती जा रही है। प्रदेश की सत्तारूढ समाजवादी पार्टी अपने कार्यकाल के दौरान कराए गए विकास कार्यों को लेकर नैया पार करने की फिराक में हैं, वहीं पूर्व की बसपा सरकार कानून व्यवस्था के मामले को सपा सरकार को घेरकर सत्ता पर काबिज होने की फिराक में है।

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपने-अपने तरीके से बेहतर प्रदर्शन करने की कवायद में जुटे हुए हैं। सपा सरकार सत्ता में पुनः वापसी के लिए कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ना चाह रही है। इसको लेकर पार्टी आला कमान ने वर्ष-2012 के विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर प्रत्याशियों की अन्य राजनीतिक दलों से पहले ही पहली सूची की घोषणा कर दी।

यह अलग बात है कि सूची में फेरबदल की प्रक्रिया अभी जारी है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी आला कमान ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची के चयन के पूर्व वर्तमान विधायकों के कार्यों की पड़ताल और जनता के बीच उनकी छवि का मुल्यांकन करने के लिए मंडलवार प्रभारी नियुक्त किए।

मंडल प्रभारी बनाए गए विधान परिषद सदस्यों से विधानसभा क्षेत्रों की गहन पड़ताल के बाद एक पखवारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। मंडल प्रभारियों की गुपचुप मिली रिपोर्ट में कई वर्तमान विधायकों व मंत्रियों की पोल खुल गई है।

सूत्रों का कहना है कि पूर्वोंचल की वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, बलिया के अलावा गोरखपुर के कई विधानसभा क्षेत्रो में विधायकों की स्थिति ठीक नहीं मिली है। इसके अलावा पश्चिम के गाजियाबाद, मुजपफरनगर, मेरठ, बुलंदशहर व अलीगढ़ के अलावा राजधानी लखनऊ की भी कई सीटों पर विधायकों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है।

सूत्र बताते हैं कि मंडलीय प्रभारियो की रिपार्ट को आधार मानकर यदि प्रत्याशियों को दूसरी सूची तैयार की गई तो करीब पांच दर्जन विधायक का पत्ता साफ हो सकता है। उधर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इसे आला कमान का मामला बताते हुए इस पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ मना कर दिया।

प्रादेशिक

दिल्ली: बेटे ने मां, बाप और बहन की चाकू गोदकर की हत्या, इस वजह से वारदात को दिया अंजाम

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में ट्रिपल मर्डर का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के नेबसराय इलाके में एक बेटे ने अपने पिता, मां और बहन की चाकू से गोंद बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों की शिनाख्‍त राजेश कुमार (51), उनकी पत्नी कोमल (46) और उनकी बेटी कविता (23) के रूप में हुई है। बेटे ने इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया क्योंकि उसे लगने लगा था कि मां-बाप बहन से ही ज्यादा प्‍यार करते हैं। उसे इस बात का भी शक था कि वो सारी प्रॉपर्टी बहन को दे देंगे। इसलिए मां-बाप के सालगिरह के दिन उसने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी बेटे अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है।

रिपोर्टों के अनुसार अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसे बॉक्सिंग करना पसंद था। लेकिन पिता पढ़ाई नहीं करने को लेकर टोकते रहते थे। हाल ही में सबके सामने उसकी पिटाई भी कर दी थी। उसे यह भी लगता था कि मां-बाप उसकी बहन कविता को अधिक प्यार करते हैं। उसे लगता था कि वे सारी संपत्ति भी उसकी बहन के नाम कर देंगे। इसी नफरत में उसने तीनों की हत्या करने का प्लान बनाया। उसने जिस धारदार चाकू से तीनों हत्या की वह उसके पिता की ही थी। इसे अर्जुन ने छिपाकर रखा था। वह काफी समय से हत्या की प्लानिंग कर रहा था। 4 दिसंबर को उसके माता-पिता की शादी की 27वीं सालगिरह थी, इसलिए हत्या के लिए यही दिन चुना।

अपनी प्लानिंग के अनुसार 4 दिसंबर को उसने एक-एक कर तीनों की हत्या कर दी। सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर सो रही बहन का गला रेता। फिर ऊपर की मंजिल पर सो रहे पिता का गला काटा। उनके सिर पर भी चाकू से वार किए। उसकी मां बाथरूम में थी। जैसे ही वह बाहर निकली उनके गले पर भी चाकू से वार कर दिया। तीनों हत्या करने के बाद वह आराम से टहलने निकल गया। फिर एक घंटे बाद लौटकर घटना को अलग रंग देने में जुट गया।

पड़ोसियों को चीख नहीं सुनाई दे इसलिए उसने सबके गले पर झटके से वार किया। खून रोकने के लिए गर्दन पर चाकू मारते ही वह कपड़े से दबा देता था। उल्लेखनीय है कि राजेश के गले में चुन्नी लिपटी हुई थी, जबकि कोमल और कविता का शव कंबल से ढका हुआ मिला था। राजेश कुमार सेना में तैनाती के दौरान एनएसजी कमांडो भी रहे। करीब सात साल पहले वह रिटायर्ड हुए थे। फिलहाल सैनिक फार्म में एक उद्योगपति के पीएसओ थे। उनकी बेटी कविता जूडो में ब्लैक बेल्ट थी।

 

 

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