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सारा अली खान की नानी के नाम से ही कांपते थे लोग, देखते ही खाली हो जाते थे गांव

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मुंबई। फिल्म ‘केदानाथ’ और ‘सिंबा’ से बॉलीवुड में धमाकेदार शुरूआत करने वाली सारा अली खान आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। इंडस्ट्री का लगभग हर डायरेक्टर उनके साथ फिल्म करना चाहता है।

सारा के इन दिनों फिल्मों की लाइन लगी है। वो जल्द ही हीरो नंबर 1 और लव आजकल के सीक्वल में नजर आएंगी। लेकिन आज हम बात सारा की नहीं बल्कि उनकी नानी की करेंगे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि सारा अली खान की नानी कभी उनसे और सैफ से भी ज्यादा फेमस हुआ करती थीं। सारा की नानी का नाम रुखसाना सुल्ताना था। रुखसाना को आपातकाल की वजह से लोग ज्यादा याद करते हैं।

कहा जाता है कि रुखसाना को देखती ही लोग डर से कांपने लगते थे। लोगों के इस डर की वजह आपातकाल के दौरान चलाया गया नसबंदी कार्यक्रम था। वह इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी द्वारा चलाए गए नसंबदी कैंप का प्रमुख हिस्सा थीं।

साल 1975 से लेकर 1977 तक देश में इमरजेंसी लगी थी और इस दौरान देश में नसबंदी कैंप भी चलाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को छोटे बेटे संजय गांधी ने रुखसाना को पुरानी दिल्ली के मुसलमानों को नसंबदी करवाने के लिए राजी करने का जिम्मा सौंपा था।

संजय गांधी चाहते थे कि देश में परिवार नियोजन के लिए काम किया जाए और इसके लिए उन्होंने नसबंदी का रास्ता अपनाया। उनका मानना था कि किसी भी देश की बढ़ती जनसंख्या को अगर रोक दिया जाए तो देश का तेजी से विकास होगा।

बताया जाता है कि उन दिनों जिस तरह नसबंदी की जाने लगी थी उससे पुरानी दिल्ली में जागरुकता नहीं बल्कि लोगों के बीच डर फैल गया था। 60 साल के बुजुर्गों से लेकर 18 साल के जवानों तक को पकड़ कर उनकी नसबंदी कर दी जाती थी यहां तक कि नए शादीशुदा लोगों की भी नसबंदी कर दी जाती थी। वहां के लोग रुखसाना सुल्ताना को देखकर ही डर जाया करते थे।

इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी की सरकार आई तो रुखसाना खबरों से दूर हो गईं। इसके बाद उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं सुना गया। रुखसाना ने शविंदर सिंह से शादी की थी जो खुशवंत सिंह के भतीजे थे। बॉलीवुड एक्ट्रेस अमृता सिंह रुखसाना और शविंदर की बेटी हैं।

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आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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