उत्तर प्रदेश
भाजपा विरोध की राजनीति करेंगे सत्यपाल मलिक, अखिलेश व जयंत का देंगे साथ
मेरठ। कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में काम करने के बाद मेघालय के राज्यपाल पद से रिटायर होने वाले सत्यपाल मलिक ने भाजपा के विरोध की राजनीति को शुरू करने का निर्णय लिया है। रिटायर होने के बाद आज बुधवार को पैत्रिक गांव हिलावदा पहुंचे सत्यपाल मलिक ने गांव के लोगों के साथ भविष्य की चर्चा की। साथ में भोजन भी किया।
मलिक ने कहा न कुछ लेकर गया था। न कुछ लेकर आया हूं। केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसे जिस एजेंसी से जांच करानी हो, करा लें। उन्होंने अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी के मदद की बात भी कही।
सत्यपाल मलिक के गांव पहुंचने पर उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मलिक ने ग्रामीणों के साथ मौजूदा हालात अलावा खेती-किसानी की लंबी बातें की। सबके साथ बैठकर से खाना खाया। इस दौरान उन्होंने मीडिया के सामने भाजपा सरकार पर हमला जारी रखा।
सरकार को किसान विरोधी बताते हुए मलिक ने कहा कि बीजेपी सरकार में लोग महंगाई से परेशान है। मेरी तरफ से सरकारी की कमियों को लेकर आवाज उठाने के बाद अब मेरे खिलाफ भी सरकार जांच करा सकती हैं, साथ ही दोहराया हमारी कितनी ही जांच करा लें। मैं तो फकीर आदमी हूं, कुछ नहीं मिलेगा। राज्यपाल बनने पर पांच कुर्ते पजामे लेकर गया था, वही लेकर लौटा हूं।
कोई पार्टी नहीं जॉइन करेंगे मलिक
सक्रिय सियासी रणनीति के सवाल पर सत्यपाल मलिक ने साफ किया कि वह कोई पार्टी जॉइन नही करेंगे और न हो कोई चुनाव लड़ेंगे। अब वह सिर्फ किसानों की आवाज उठाने के लिए काम करेंगे। मलिक ने यह जरूर कहा कि वह किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते चौधरी जयंत और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेटे पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मदद जरूर करेंगे।
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उत्तर प्रदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.
शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई
शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.
फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई
इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.
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