Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की जांच की मांग वाली याचिका नहीं सुनेगा SC

Published

on

Mathura: SC relief to encroachers near Krishna Janmabhoomi, ban on campaign

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। यह याचिका नरसंहार में मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू ने दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर आशुतोष टपलू ने यह याचिका वापस ले ली। शीर्ष कोर्ट ने टपलू से कहा कि वे यह मांग उपयुक्त मंच पर करें। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मामले में सही उपाय के बारे में पता करने के लिए भी कहा है।

कश्मीर में आतंकवादी के हाथों मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू की तरफ से दायर याचिका में शीर्ष न्यायालय से कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन के मामले में जांच की मांग की गई थी।

याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को पहले भी खारिज किया जा चुका है। इस साल मार्च में भी एक कश्मीरी पंडित संगठन की तरफ से शीर्ष न्यायालय के साल 2017 के आदेश के खिलाफ क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की गई थी। उस आदेश में कोर्ट ने 1989-90 और बाद के सालों के दौरान कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर जांच की याचिका को खारिज कर दिया था।

‘रूट्स इन कश्मीर’ की तरफ से दायर याचिका में SC के उन आदेशों का जिक्र किया गया था, जिसमें 24 जुलाई 2017 को रिट याचिका और 25 अक्टूबर 2017 को समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने ये याचिकाएं इस आधार पर खारिज की थीं कि मामले को 27 साल से ज्यादा का समय हो चुका है और इस बात की संभावनाएं कम हैं कि सबूत उपलब्ध हो।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में टेरर लिंक के चलते तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लिया एक्शन

Published

on

Loading

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा घाटी में आतंकवाद और आतंकियों का साथ देने वालों के खिलाफ एक्शन लेते दिख रहे हैं. उन्होंने टेरर लिंक के चलते तीन सरकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का फैसला किया है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कांस्टेबल भी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वह विभाग में रहते हुए आतंकियों को इनपुट भेजता था। जिन दो अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है उनमें एक शिक्षक और दूसरा विमाग में काम करने वाला एक अर्दली है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की पहचान फिरदौस भट्ट, निसार अहमद खान और अशरफ भट के रूप में की गई है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन कर्मचारी को बर्खास्त करने का फैसला सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद लिया है। उस बैठक में उपराज्यपाल के साथ-साथ पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक में मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों के खिलाफ और उन्हें समर्थन देने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था।

मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले कहा था कि आतंकवादियों को समर्थन करने वालों की इसकी कीमत चुकानी होगी। जो भी ऐसा अपराध करेगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

Continue Reading

Trending