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विवादित बाबाओं की लिस्ट, जिनपर लगे गंभीर आरोप
जोधपुर कोर्ट ने आज आराम को दुष्कर्म मामले में दोषी ठराया है। आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक आसाराम नाबालिग लड़की से रेप केस में दोषी ठहराए गए हैं। उनके साथ ही उनकी राजदार शिल्पी, शरतचंद्र, शिवा और रसोइया प्रकाश को भी इस मामले में दोषी ठहराया गया है।
लेकिन ये पहले ऐसे बाबा नहीं हैं। समय-समय पर ऐसे कई बाबा हैं जो विवादों की वजह से चर्चा में आते रहे हैं। आइये बताते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन शामिल है-
आसाराम बापू
आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप था, जिसमें वो दोषी पाए गए हैं। यह मामला 2013 का है। उन पर कई और भी मामले दर्ज हैं। आरोप है कि आसाराम ज़मीन हथियाने, बच्चों की हत्या समेत कई अन्य मामलों में भी लिप्त हैं, पुलिस इन मामलों की जांच में जुटी है।
नारायण साईं
आसाराम के बेटे नारायण साईं भी खुद को महंत घोषित कर चुका है। नारायण साईं पर यौन शोषण और हत्या के आरोप हैं। ये भी लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं।
चंद्रास्वामी
बाबा चंद्रास्वामी पर राजीव गांधी की हत्या के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगा था। चंद्रास्वामी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का सबसे नज़दीकी सलाहकार माना जाता रहा है। इन आरोपों के बीच कई देशों के शासनाध्यक्षों से मधुर संबंध, हथियारों की दलाली और हवाला का कारोबार, विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन जैसे कई संगीन आरोपों से भी चंद्रास्वामी सुर्खियों में रहे। 23 मई 2017 को इनकी मौत हो गई थी।
रामपाल
बाबा रामपाल पर आरोप है कि उनके आश्रम के अस्पताल में गर्भपात सेंटर चलता था। उनके आश्रम से हथियार और कई आपत्तिजनक दवाएं जब्त की गई थीं। रामपाल पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज है। संत रामपाल देशद्रोह के एक मामले में फिलहाल हिसार जेल में बंद हैं।
आपको बता दें, बाबा रामपाल आध्यात्म की दुनिया में कदम रखने से पहले हरियाणा की सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे। 18 साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया और फिर सत्संग करने लगे। इन्होंने सतलोक आश्रम बसाया।
नित्यानंद स्वामी
स्वामी नित्यानंद के ख़िलाफ़ साल 2010 में धोखाधड़ी और अश्लीलता के मामले दर्ज हुए थे। उनकी कथित सेक्स सीडी सामने आई. उन्हें अभिनेत्री के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए दिखाया गया है।
इसके बाद फॉरेंसिक लैब में हुई जांच में सीडी को सही बताया गया, लेकिन नित्यानंद के आश्रम ने उस सीडी की अमरीकी लैब की रिपोर्ट पेश की। इसमें सीडी से छेड़छाड़ की बात सामने आई। इसके बाद नित्यानंद को गिरफ्तार कर लिया गया। हालाकि कुछ दिन बाद उन्हें बेल मिल गई थी। इसके अलावा बेंगलुरू में नित्यानंद के आश्रम में छापेमारी के दौरान कंडोम और गांजा भी बरामद हुआ था।
स्वामी भीमानंद
स्वामी भीमानंद को 1997 में लाजपत नगर इलाके से पुलिस ने देह व्यापार में शामिल होने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। वो खुद को इच्छाधारी संत बताते थे। इच्छादारी संत के नाम से मशहूर स्वामी भीमानंद नागिन डांस के लिए चर्चा में रहते थे।
उन पर आरोप था कि वो प्रवचन के बहाने लड़कियों को फंसाकर सेक्स रैकेट का कारोबार करते हैं। खुद को संत कहने वाले भीमानंद का वास्तविक नाम शिवमूरत द्विवेदी है और ये बाबा बनने से पहले एक फ़ाइव स्टार होटल में गार्ड की नौकरी करते थे।
राधे मां
खुद की देवी बताने वाली सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां का विवादों से पुराना नाता है। ये भक्तों की गोद में बैठने तक के पैसे लेती हैं। चार अप्रैल 1965 में पंजाब के जिले गुरुदासपुर के दोरंगला गांव में जन्मीं सुखविंदर कौर पति की खराब आर्थिक हालत के चलते मुंबई में दूसरे के घरों में काम करती थींष। महज 10वीं तक पढ़ी राधे मां की 17 साल उम्र में शादी हुई थी। कुछ साल पहले इन्होंने खुद को महंत घोषित कर दिया था। इनपर खुदकुशी के लिए उकसाने जैसे गंभीर मामले चल रहे हैं।
सच्चिदानंद गिरी
नोएडा और गाजियाबाद में रियल एस्टेट के साथ बीयर बार-पब जैसे कारोबार से जुड़े रहने वाले सचिन दत्ता उर्फ सचिदानंद अचानक से बाबा बन गए। आरोप है कि वो धोखे से निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बन गए। इनके दीक्षा दिलाने के अवसर पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए थे, तत्कालीन सपा सरकार के कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव भी उसमें शरीक हुए थे।
गुरमीत राम रहीम
सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले वर्ष रेप के मामले में सजा सुनाई गई है। 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे राम रहीम 1990 में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बने। ये खुद को रॉकस्टार बाबा के रूप में प्रस्तुत करते रहे। इन्होंने फिल्मों में भी अभिनय किया है। साथ ही गुरमीत राम रहीम शिष्या से रेप के दोषी हैं। इसके अलावा पत्रकार और सेवादार की हत्या मामले में भी आरोप हैं।
ओम बाबा
एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान मारपीट करने और टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में अपनी बेहूदा हरकतों के चलते ओम बाबा सुर्खियों में आए। टाडा आर्म्स एक्ट केस के चलते ओमजी स्वामी पांच साल जेल में सजा काट चुके हैं। साल 1972 में उन्होंने साधु का रूप धारण किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के मोतीबाग में कांग्रेस की सेक्रेटरी रहीं रानी प्रेमलता के यहां ही बाबा साधु बने। इनपर चोरी, ठगी जैसे आरोप हैं।
निर्मल बाबा
टीवी चैनलों पर निर्मल बाबा काफी लोकप्रिय हैं। ये ऊटपटांग उपाय बताकर लोगों की समस्याएं सुलझाते हैं। झारखंड के वरिष्ठ राजनेता इंदर सिंह नामधारी के मुताबिक निर्मल बाबा उनके रिश्तेदार हैं। निर्मल बाबा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं और इनपर आय से अधिक संपत्ति समेत कई मामले दर्ज हैं।
असीमानंद
मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हुगली के रहने वाले असीमानंद का असली नाम नब कुमार है। वे 1990 से 2007 के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी संस्था वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत प्रचारक प्रमुख रहे। इन्होंने शबरी माता का मंदिर बनाया और शबरी धाम स्थापित किया। ये अजमेर दरगाह में 2007 में हुए विस्फोट मामले में आरोपी रहे। स्वामी असीमानंद को अजमेर, हैदराबाद और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामलों में 19 नवंबर 2010 को उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल इन्हें अजमेर दरगाह में हुए विस्फोट मामले में बरी कर दिया गया है।
बृहस्पति गिरि
उत्तर प्रदेश में अलखनाथ ट्रस्ट के कई मंदिर हैं। बृहस्पति गिरि पर आरोप है कि इन्होंने जालसाजी से अलखनाथ ट्रस्ट के मंदिरों पर अधिकार हासिल करने की कोशिश की। इनपर अलखनाथ ट्रस्ट के पूर्व महंत धर्म गिरि की हत्या के आरोप लगते रहे हैं।
नेशनल
कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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