उत्तर प्रदेश
शिवपाल और राजभर ने फिर घेरा अखिलेश को, क्रास वोटिंग को लेकर कही यह बात
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले काफी समय से अपनों का ही विरोध झेल रहे हैं। कभी उनके गठबंधन सहयोगी सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर तो कभी चाचा शिवपाल सिंह यादव उन पर सवाल उठाते रहते हैं।
ताजा घटनाक्रम में राजभर ने वाई श्रेणी सुरक्षा मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शुक्रिया कहा, साथ ही राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर कहा कि अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने थर्मामीटर से चेक करें कि क्रास वोटिंग किसने की है।
एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को बधाई देते हुए राजभर ने कहा मतदान के पहले से ही वह इस जीत के प्रति आश्वस्त थे। मतदान के दिन भी कहा था कि सपा व रालोद के भी कई विधायक मुर्मू को वोट दे सकते हैं। वह सच निकला। उन्होंने यह भी कहा कि शिवपाल बड़े नेता हैं। अखिलेश को उनका ख्याल रखना चाहिए।
वहीं राष्ट्रपति चुनाव में सपा में क्रास वोटिंग का दावा करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने इसका क्रेडिट खुद को दिया है और अखिलेश यादव को एक बार फिर घेरने की कोशिश की है।
हमारी चिट्ठी के कारण सपा में हुई क्रॉस वोटिंग
सपा विधायक शिवपाल यादव ने कहा है कि उनकी लिखी चिट्ठी के कारण सपा में क्रॉस वोटिंग हुई। पक्के समाजवादियों पर उनकी चिट्ठी का असर हुआ है। इसी कारण सपा विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रास वोटिंग की।
शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नेताजी मुलायम सिंह को आईएसआई का एजेंट बताया था। ऐसे में हम उन्हें कभी भी समर्थन नहीं कर सकते।
उत्तर प्रदेश
बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं
लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।
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