अन्तर्राष्ट्रीय
शटर बंद रहते ज्वेलरी शॉप में जा घुसा चोर, 35 लाख के जेवर चुरा आराम से भाग गया
तमाम तरह की ऊल जुलूल हरकतें करने में चीन के लोग सबसे आगे रहते हैं। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें भी यही बात दिखाई दे रही है। इस वीडियो में चोर चोरी करते दिख रहा है। ज्वेलरी शॉप में एक चोर इतने शातिराना अंदाज के साथ अंदर घुसा जैसे आंखों से काजल चुराते हो।
चोर ने अंदर घुसकर 53 हजार डॉलर यानी करीब 35 लाख रुपये कीमत का सामान और कुछ रकम उड़ा दी। जिस किसी ने भी वीडियो को देखा वो हैरान रह गया। वीडियो चीन के डोनगुआन शहर का है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स रात के समय दुकान के सामने लेट गया और शटर को जरा सा ऊपर करके अंदर घुस गया।
घटना बीते 13 मई की है। रात के समय बाहर कोई नहीं था। इसका फायदा उठाकर शख्स अंदर घुस गया। उसे पता था कि दुकान के अंदर बेशकीमती गहने हैं। उसके पास एक प्लास्टिक बैग भी था।
इसमें उसने सामानभर लिया। चोर ने 40 ब्रेसलेट, कुछ नेकलेस, इयरिंग्स, डायमंड की अंगूठी पर हाथ साफ कर दिया। सब कुछ मिलाकर कुल 53 हजार डॉलर की चोरी हुई थी। चोर ने अंदर जाकर सबसे पहले अलार्म बंद कर दिया।
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अन्तर्राष्ट्रीय
नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट
जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।
शुरू हुई कानूनी लड़ाई
यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।
अदालत ने सुनाया फैसला
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा
कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।
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