नेशनल
स्मृति ईरानी ने साधा प्रियंका गांधी पर निशाना, कहा-‘घर में लड़का है मगर लड़ नहीं सकता’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नारे ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ पर तंज कसा। उन्होंने नारे के जवाब में कहा ‘घर में लड़का है मगर लड़ नहीं सकता।’
ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव दोनों का मज़ाक उड़ाया। ईरानी ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के नारे का मुकाबला करते हुए कहा, ‘यूपी में, चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा, और हम उम्मीद करते हैं कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नीति और विकास के नेतृत्व वाली चर्चा होगी।’
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प्रियंका गांधी द्वारा पिछले महीने अपनी घोषणा के दौरान उछाले गए “लड़की हूं” नारे का जिक्र करते हुए, ईरानी ने कहा कि कांग्रेस यूपी विधानसभा सीटों की 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी, ईरानी ने कहा कि इसका मतलब है ‘घर पर लड़का है पर बालक नहीं।’ महिला उम्मीदवारों को 40 फीसदी टिकट देने के प्रियंका गांधी के प्रस्ताव को और खारिज करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा, ‘इसका मतलब वह कह रही हैं कि वह महिलाओं को 60 फीसदी टिकट नहीं देना चाहती हैं।’
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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